शुक्रवार को कांग्रेस के दिग्गज नेता शिवराज पाटिल का 90 साल की उम्र में देहांत हो गया. महाराष्ट्र के लातूर में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली. शिवराज पाटिल लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. भारत की राजनीति में शिवराज पाटिल एक बड़ा नाम माने जाते हैं. उन्होंने राजीव गांधी से लेकर इंदिरा गांधी तक के साथ काम किया. सोनिया गांधी का भरोसा जीतकर शिवराज पाटिल गृह मंत्री भी बने.
राजनीति में कैसे आए शिवराज पाटिल?
शिवराज पाटिल का जन्म 12 अक्टूबर 1935 को महाराष्ट्र के लातूर में हुआ था. शुरुआत में वो कानून की पढ़ाई कर रहे थे, जिसके बाद उन्होंने राजनीति में अपनी किस्मत आजमाई. शिवराज पाटिल लातूर नगरपालिका अध्यक्ष जैसे पदों पर काम किया. आगे चलकर वो महाराष्ट्र विधानसभा के मेंबर बने. 1980 में पहली बार वो लोकसभा के सांसद चुने गए, इसके बाद वो 7 बार लातूर लोकसभा सीट से सांसद बने. शिवराज पाटिल 2010 से 2015 तक पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ के एडमिनिस्ट्रेटर भी रहे.
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शिवराज पाटिल ने क्यों छोड़ा गृहमंत्री पद?
दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में शिवराज पाटिल रक्षा मंत्री भी रहे. उन्हें 2004 से 2008 तक यूपीए सरकार में गृहमंत्री चुना गया. 2008 के मुंबई टेरर अटैक में शिवराज पाटिल को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. जिसके बाद उन्होंने गृहमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. शिवराज पाटिल ने हमले की नैतिक जिम्मेदारी ली. उन्होंने ये माना कि सुरक्षा में चूक हुई और एजेंसियां हमले को रोकने में नाकाम रही.
भारत के नीरो कहलाए शिवराज
शिवराज पाटिल को भारत का नीरो के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि जब मुंबई में आतंकी हमले हुए तब वो जनता के सामने आने के लिए कपड़े बदल रहे थे. नीरो वो शख्स था, जो शहर में आग लगने के दौरान वायलन बजा रहा था, इसलिए शिवराज की तुलना नीरो से की गई थी. शिवराज पाटिल लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखते थे. जून 1963 में उनकी विजया पाटिल से शादी की थी, उनके दो बच्चे हैं . शिवराज पाटिल सत्य साईं बाबा के कट्टर भक्त थे.










