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ED ने गूगल-मेटा को ऑनलाइन बैटिंग मामले में भेजा नोटिस, भारत में इसको लेकर क्या कानून है? कई देशों ने बनाए नियम

Online betting India laws: भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप को लेकर जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई है। एजेंसी ने गूगल और मेटा को ऐप के प्रमोशन को नोटिस भेजा है। ऐसे में आइये जानते हैं भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी कितनी वैध है और इसको लेकर क्या कानून है?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Jul 19, 2025 11:45
ED notice Google Meta on batting app
ईडी का गुगल और मेटा को नोटिस (Pic Credit-ANI)

ED notice Google Meta: ऑनलाइन बैटिंग ऐप मामले में मेटा और गूगल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जांच एजेंसी ईडी ने दोनों कंपनियों के प्रतिनिधियों को नोटिस भेजकर 21 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया है। मामले में एजेंसी को कई नामचीन हस्तियों के बेटिंग ऐप प्रचार में शामिल होने का शक है। ऐसे में एजेंसी अगले कुछ दिनों में सेलिब्रिटीज को पूछताछ के लिए बुला सकती है। एजेंसी का आरोप है कि इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने बैटिंग ऐप को प्रमुखता से बार-बार दिखाया। ईडी का मानना है कि सट्टेबाजी ऐप के जरिए करोड़ों रुपये की कमाई की गई।

ऐसे में आइये जानते हैं भारत में सट्टेबाजी को लेकर क्या कानून है? दोषी पाए जाने पर आरोपी को कितनी सजा हो सकती है? अब तक इस प्रकार के मामलों में आरोपियों को कितनी सजा हुई है? वहीं किन-किन देशों में सट्टेबाजी वैध है, अलग-अलग देशों में इसको लेकर क्या कानून है?

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भारत में कौन-कौनसे कानून है?

भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी को लेकर कोई प्रभावी कानून नहीं है। हां जुआ को लेकर एक कानून है जिसमें अधिकतम दो हजार रुपये का जुर्माना और 12 महीने तक जेल की सजा का प्रावधान है। वहीं ऑनलाइन सट्टेबाजी को लेकर कानून स्पष्ट नहीं है। इसके अलावा भारत में सार्वजनिक जुआ गतिविधियों पर लगाम के लिए अंग्रेजों के समय से बना एक कानून है। हालांकि अब यह भी समय के साथ अप्रासंगिक हो चुका है। तत्कालीन अंग्रेज सरकार ने यह कानून ताश के खेल और जुआ घरों पर प्रतिबंध लगाने के लिए बनाया गया था। 1867 में बने इस एक्ट के तहत अधिकतम 500 रुपये का जुर्माना और तीन महीने की कैद का प्रावधान है।

कई राज्यों में कैसीनो की परमिशन

इसके अलावा गोवा, सिक्किम और दमन दीव जैसे केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों में कैसीनो खेलने की परमिशन है। इसके अलावा कई राज्यों में घुड़दौड़ प्रतियोगिता में सट्टा लगाना वैध है क्योंकि ये भाग्य नहीं कौशल का खेल है। इसके अलावा कई राज्यों में लॉटरी को वैध माना गया है। इसके अलावा कोर्ट ने रम्मी और पोकर जैसे खेलों को खेलने की अनुमति दी है।

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केंद्र सरकार ने 1998 में लॉटरी विनियमन अधिनियम पारित कराया था। इस एक्ट का उद्देश्य राज्यों द्वारा निकाली जाने वाली लॉटरी की निगरानी करना था। इस एक्ट के जरिए राज्य सरकारें लॉटरी चला सकती है और कानून बना सकती है। एक्ट के अनुसार राज्य सरकारें सप्ताह में केवल एक बार लॉटरी निकाल सकती है।

विदेशों में सट्टेबाजी को लेकर क्या कानून है?

सट्टेबाजी को नियंत्रित करने के लिए अमेरिका, यूके समेत कई देशों में अलग-अलग व्यवस्थाएं लागू की गई हैं। अमेरिका के न्यू जर्सी और पेंसिल्वेनिया में ऑनलाइन कैसीनो पूरी तरह वैध है। वहीं सिंगाापुर और दक्षिण कोरिया में ऑनलाइन बैटिंग वैध हे। इसके अलावा यूके में जुआ एक्ट 2005 लागू किया गया। इसके साथ ही एक आयोग भी बनाया गया। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया में भी इसको लेकर 2001 में एक कानून बनाया गया था।

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First published on: Jul 19, 2025 11:41 AM

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