ED Attaches Assets in National Herald Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बड़ा झटका दिया। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड से जुड़ी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) और यंग इंडिया की 751.9 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।
एक बयान में एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच के दौरान यह पता चला कि एजेएल के पास दिल्ली, मुंबई और लखनऊ जैसे भारत के कई शहरों में फैली अचल संपत्तियों के रूप में 661.69 करोड़ रुपये की आय थी। मेसर्स यंग इंडियन (वाईआई) के पास एजेएल के इक्विटी शेयरों में निवेश के रूप में 90.21 करोड़ रुपये की आय है।
#PanautiModi orders ED to take away National Herald properties illegally.
The frustration and the upcoming defeat in the hands of people of Madhya pradesh, Chhattisgarh, Rajasthann& Telangana will only be the answer to the unjustifiable action by ED. https://t.co/pv64NnTQzE
---विज्ञापन---— Manickam Tagore .B🇮🇳மாணிக்கம் தாகூர்.ப (@manickamtagore) November 21, 2023
इस कार्रवाई के बाद कांग्रेस सांसद और लोकसभा सचेतक मनिकम टैगोर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया- “पनौती मोदी ने ईडी को नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को अवैध रूप से जब्त करने का आदेश दिया। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में उनकी हार होगी।”
ईडी की जांच अदालत के आदेश के बाद शुरू की गई थी, जिसने एक निजी शिकायत पर संज्ञान लिया था। अदालत ने माना कि सात आरोपियों ने प्रथम दृष्टया धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति अर्जित कर आपराधिक साजिश की है।
बयान में कहा गया है कि आरोपी व्यक्तियों ने यंग इंडिया के माध्यम से एजेएल की सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति हासिल करने के लिए आपराधिक साजिश रची थी। एजेएल को समाचार पत्र प्रकाशित करने के उद्देश्य से भारत के विभिन्न शहरों में रियायती दरों पर जमीन दी गई थी, लेकिन 2008 में उसने अपना प्रकाशन कार्य बंद कर दिया। इसके बाद संपत्तियों का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए करना शुरू कर दिया।
कहा जाता है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) को इससे 90.21 करोड़ रुपये मिले। बता दें कि इससे पहले भी ईडी सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ कर चुकी है। बताया जाता है कि साल 2010 में AJL के पास 1057 शेयर होल्डर थे।
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इसकी होल्डिंग घाटा होने पर YIL को ट्रांसफर कर दी गई। यंग इंडिया लिमिटेड को उसी साल शुरू किया गया था। इसमें उस वक्त कांग्रेस पार्टी के महासचिव राहुल गांधी डायरेक्टर के रूप में शामिल हुए थे। उनकी कंपनी में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। उनकी मां सोनिया गांधी भी इसमें शामिल थीं।