Diwali 2023 Firecrackers Ban In India Delhi Supreme Court Order: दिवाली से पहले लोगों के मन में एक सवाल कौंध रहा है कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है? जवाब हां में है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में ही नहीं पूरे देश में पटाखों पर प्रतिबंध है। लेकिन उन पटाखों पर प्रतिबंध है, जिनमें बेरियम या अन्य प्रतिबंधित रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र समेत सभी राज्यों को पहले से जारी आदेश के अनुसार पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया।
प्रदूषण को कम करने की जिम्मेदारी सिर्फ अदालत की नहीं
जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस सुंदरेश की पीठ ने अहम टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को कम करने की जिम्मेदारी सिर्फ अदालत की नहीं, बल्कि सभी की है। पटाखों के हानिकारक प्रभावों के बारे में आम लोगों को जागरुक करने की जरूरत है। विडंबना यह है कि आजकल सिर्फ बच्चे ही नहीं, बड़े और बुजुर्ग भी पटाखे फोड़ते हैं। हर नागरिक को यह देखना होगा कि दिवाली कम पटाखों के साथ पर्यावरण अनुकूल बनाई जाए।
जला सकते हैं ग्रीन पटाखे
सुप्रीम कोर्ट ने बेरियम और अन्य रसायनिकों के इस्तेमाल से बनने वाले पटाखों पर प्रतिबंध 2021 में लगाया गया था। आदेश में सिर्फ ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति दी गई। अदालत ने यह फैसला 2018 के अपने एक आदेश के खिलाफ दिया था। दरअसल, ग्रीन पटाखों में बेरियम नहीं होता है। इनका रंग हरा होता है। इनकी आवाज 160 डेसिबल से ज्यादा नहीं होती है।
क्या है 2018 का आदेश?
2018 में सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों और कम धुआं करने वाले पटाखों को छोड़कर अन्य सभी पर उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था। आतिशबाजी में बेरियम रसायन के इस्तेमाल पर रोक लगाई। यह भी आदेश दिया कि पटाखों का शोर कान को नुकसान नहीं पहुंचाने वाला होना चाहिए। 120 से 125 डेसिबल के बीच होनी चाहिए। कोर्ट ने 29 अक्टूबर को अपना वही आदेश दोहराया है।
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