नई दिल्ली: अडानी मुद्दे पर विपक्षी सांसदों द्वारा नारेबाजी के बीच राज्यसभा 13 मार्च सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बजट सत्र का दूसरा सत्र 13 मार्च से शुरू होगा। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाले संयुक्त विपक्ष द्वारा बनाए गए हंगामे के बीच ये फैसला लिया गया। पहले स्थगन से पहले, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कई सांसदों का नाम लिया और उन्हें ऐसे कार्यों में शामिल नहीं होने की चेतावनी दी, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हो। विपक्षी दलों के कई सदस्य सदन के वेल में आकर नारेबाजी करने लगे सभापति ने कुछ का नाम लिया इनमें राघव चड्ढा, इमरान प्रतापगढ़ी, शक्ति सिंह गोहिल, कुमार केतकर और संदीप पाठक शामिल हैं।
कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद विपक्ष का हंगामा
सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद हंगामा शुरू हो गया और टेबल पर कागजात रखे जाने के बाद ‘जीरो हाउस’ की अनुमति दी गई। जैसा कि सभापति ने कई विपक्षी नेताओं के नोटिस को अस्वीकार कर दिया इसके बाद सदस्यों ने नारे लगाने शुरू कर दिए और उनमें से कई सदन में “जेपीसी से जांच कराओ” (जेपीसी के माध्यम से जांच) के नारे लगाने लगे। विपक्षी सदस्यों द्वारा सदन में कुछ अन्य नारे भी लगाए गए।
उप राष्ट्रपिति धनखड़ ने दी चेतावनी
हंगामे के बीच उप राष्ट्रपिति धनखड़ ने सदन को चलाने की कोशिश की और कहा कि वह “सदन में हर किसी से उम्मीद करते हैं कि इसे सुचारू रूप से चलाने में मदद करें।” मैं आप सभी से अपील करता हूं कि हमें अपना आचरण ऐसा बनाए रखना है कि देश के लोग इसे पसंद करें। इस बीच, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उनकी टिप्पणी को हटाने और कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल के निलंबन पर आपत्ति जताई।
हंगामे के जारी रहने पर सभापति ने कुछ सदस्यों को चेतावनी देकर सदन की बैठक पूर्वाह्न 11.50 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर सदन के फिर से समवेत होने के बाद सभापति ने ‘प्रश्नकाल’ की अनुमति दी, लेकिन हंगामे के बीच सदन को चलाने के एक संक्षिप्त प्रयास के बाद बजट सत्र के दूसरे भाग 13 मार्च को सुबह 11 बजे तक के लिए इसे स्थगित करना पड़ा।