Delhi High Court Judgement: पुलिस वालों ने एक ऐसी हरकत कर दी कि हाईकोर्ट को उनको सबक सिखाना पड़ा। सबक भी ऐसा सिखाया कि दोबारा वह उस गलती को दोहराने की भूल नहीं करेंगे। हाईकोर्ट ने जुर्माना लगाया, जिसे पुलिस वालों की सैलरी से काटा जाएगा और उसे पीड़ित में बांटा जाएगा। मामला दिल्ली का है। दिल्ली पुलिस वाले नपे हैं और दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई है। मामला युवक को जबरन हिरासत में लेने और उसे लॉकअप में रखने का है। जानिए पूरा विवाद…
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बिना केस दर्ज किए सलाखों के पीछे रखा
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने एक याचिका का निपटारा करते हुए फैसला सुनाया। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक युवक को बेवजह करीब आधा घंटा लॉकअप में रखा। बिना कोई केस दर्ज किए उसे हिरासत में लेकर सलाखों के पीछे रखा। युवक ने हाईकोर्ट को याचिका देखकर शिकायत की कि पुलिस वालों ने उसके साथ गलत किया। उसे उसकी आजादी से वंचित किया। बिना FIR दर्ज किए किसी को ऐसे लॉकअप में नहीं रखा जा सकता। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
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पुलिस वालों की सैलरी से काटेगा जुर्माना
याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि पुलिस अधिकारी खुद कानून नहीं बन सकते। बेशक युवक ने गलती की होगी, लेकिन बिना केस दर्ज किए उसे लॉकअप में रखना ठीक नहीं है। उसे सिर्फ 30 मिनट के लिए जेल में रखा, कहकर पुलिस कर्मी दोषमुक्त हो नहीं हो सकते। उन्हें ऐसी सजा मिलनी चाहिए कि वे दोबारा ऐसा न कर सकें। इसलिए 50 हजार जुर्माना लगाया जाता है, जिसे उनकी सैलरी से काटा जाएगा और वह जुर्माना मुआवजे के तौर पर पीड़ित को दिया जाएगा।
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महिला को चाकू मारने का आरोप लगा था
दिल्ली के बदरपुर पुलिस स्टेशन में तैनात 2 सब इंस्पेक्टरों के खिलाफ यह आदेश दिया गया है। मामला सितंबर 2022 का है। पुलिस को एक शिकायत मिली कि महिला को सब्जी वाले ने चाकू मारा है। पुलिस मौके पर पहुंची तो सब्जी वाला और महिला दोनों मिले। पुलिस सब्जी वाले को उठाकर थाने ले आई और उसे करीब आधा घंटा लॉकअप में रखा। सब्जी वाले ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए बिना केस दर्ज किए लॉकअप में रखने पर सवाल उठाए और मुआवजे की मांग की।