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दिल्ली में पत्नी कर रही थी घर जमाई बनने की डिमांड, HC ने गुजराती पति को दी राहत, बताया- ‘यह है क्रूरता समान’

Important remarks during the Delhi High Court divorce: एक शख्स (पति) को तलाक का आदेश देने के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है- ‘पति पर अपने जन्मदाता यानी माता-पिता को छोड़ने और अपने ससुराल वालों के साथ घर जमाई के रूप में रहने के लिए दबाव डालना किसी […]

Edited By : jp Yadav | Updated: Aug 28, 2023 06:57
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Important remarks during the Delhi High Court divorce
Important remarks during the Delhi High Court divorce

Important remarks during the Delhi High Court divorce: एक शख्स (पति) को तलाक का आदेश देने के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है- ‘पति पर अपने जन्मदाता यानी माता-पिता को छोड़ने और अपने ससुराल वालों के साथ घर जमाई के रूप में रहने के लिए दबाव डालना किसी क्रूरता के समान है।’

बताया जा रहा है कि तलाक को फैमिली कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद शख्स ने दिल्ली हाई कोर्ट में गुहार लगाई थी। अब इस मामले में कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए पति के पक्ष में फैसला देते हुए उसे तलाक दे दिया है।

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हाई कोर्ट की जस्टिस सुरेश कुमार कैत और नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने अपने फैसला में फैमिली कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए पति से इस तरह की मांग को पत्‍नी की क्रूरता बताया है। इसके साथ ही पति-पत्नी के तलाक पर कोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी।

22 साल से पति को छोड़ दिल्ली में रह रही थी पत्नी

दिल्ली हाई कोर्ट में तलाक की याचिका दायर करने वाले गुजरात के रहने वाले हैं। उनका कहना है कि शादी मई, 2011 में हुई, जिसके बाद एक साल के अंदर पत्नी गुजरात से पति और ससुराल वालों को छोड़कर दिल्ली अपने माता-पिता के पास आ गई। काफी समझाने पर भी पत्नी दिल्ली छोड़कर गुजरात आने के लिए तैयार नहीं हुई।

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पत्नी ने कहा- आओ दिल्ली बनो घर जमाई

पति जब पत्नी को समझाने परिवार समेत दिल्ली आया तो उसने दो टूक कह दिया कि वह अपना सबकुछ छोड़कर दिल्ली आ जाए और घर जमाई बनकर रहे। उधर, पति ने यह कहकर इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया कि उसे अपने बूढ़े माता-पिता की देखभाल करनी है और वह एक मात्र सहारा है। बावजूद इसके पत्नी जिद पर अड़ी रही।

महिला ने पति पर लगाए गंभीर आरोप

उधर, महिला ने कई तरह के गंभीर आरोप लगाते हुए दहेज उत्पीड़न तक की शिकायत की। यहां तक कहा कि उसका पति शराबी है और वह उसके साथ शारीरिक दुर्व्यवहार और क्रूरता तक करता था। इन आरोपों को लगाते हुए मार्च, 2002 में उसने पति का घर छोड़ दिया।

इस पर फैमिली कोर्ट में पति की ओर से याचिका दायर की गई, लेकिन यह खारिज हो गई। इसके बाद पति ने दिल्ली हाई कोर्ट को रुख किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि- ‘किसी के बेटे को अपने परिवार से अलग होने के लिए कहना क्रूरता के समान है।’

 

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Written By

jp Yadav

First published on: Aug 28, 2023 06:51 AM

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