CJI BR Gavai Big Statement: देश के चीफ जस्टिस बीआर गवई ने अमरावति में बताया कि भारत का संविधान सर्वोपरि है। सालों से इस सवाल का जवाब ढूंढा जा रहा है कि कौन सर्वप्रथम है, जबकि ऐसे सवाल उठने ही नहीं चाहिए। गवई ने सम्मान समारोह में बताया कि लोकतंत्र के तीनों स्तंभ यानी न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका संविधान के अधीन है। ये तीनों एक-दूसरे के ऊपर नहीं साथ मिलकर काम करते हैं।
क्या बोले CJI गवई?
अमरावती में सीजेआई बोले कि संसद के पास संशोधन करने की शक्ति है, मगर वह संविधान के मूल ढांचे में कोई बदलाव नहीं कर सकता है। गवई बताते हैं कि सभी जजों का एक कर्तव्य है कि हम नागरिकों के अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों को, सिद्धांतों को समझें और इन्हें संरक्षित करें। हमारे पास शक्ति है, मगर उसके साथ कर्तव्य भी है। यदि कोई जज यह सोचेगा कि किस बात को आगे लेकर चलें, क्योंकि लोग कुछ कहेंगे, तो वह सही नहीं होगा। न्यायाधीशों को क्या फैसला लेना है, इसका अधिकार उनके पास है न की इस बात का कि लोग क्या सोचेंगे या महसूस करेंगे।
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