Congress Chairperson Sonia Gandhi Emotional Moment: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्यसभा सेशन में बहुत ही भावुक वक्तव्य दिया। उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक पर बात करते हुए अपने पति पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को याद किया और वे भावुक हो गई।
सोनिया गांधी ने कहा कि पहली बार स्थानीय निकायों में स्त्रियों की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन मेरे जीवनसाथी राजीव गांधी लाए थे, जो राज्यसभा में 7 वोटों से गिर गया था। सोनिया गांधी ने कहा कि पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने ही उसे पारित कराया था। सोनिया गांधी ने अपने पति पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा स्थानीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने वाले संविधान संशोधन का भी जिक्र किया।
राजीव गांधी का सपना अभी आधा पूरा हुआ
उन्होंने कहा कि यह मेरे पति द्वारा लाए गए उसी संशोधन का नतीजा है कि आज देशभर के स्थानीय निकायों के जरिए हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं। इसके बाद CPP चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक के समर्थन में कहा कि राजीव गांधी का सपना अब तक आधा ही पूरा हुआ है। वह इस बिल के पारित होने के साथ ही पूरा होगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार जो महिला आरक्षण विधेयक लेकर आई है, उसको लेकर कांग्रेस और भाजपा में अपने-अपने विचार रखे जा रहे हैं। भाजपा सरकार जहां इस विधेयक को लाकर इसका श्रेय लेना चाहती है तो वहीं कांग्रेस भी अपने पूर्व के कार्यकालों का हवाला देते हुए इस विधेयक को अपना बताने की कोशिश कर रही है।
महिलाओं के राजनीति अधिकारों का समर्थन किया
सोनिया गांधी ने महिलाओं के राजनीतिक अधिकारों को लेकर भाजपा सरकार से एक बड़ी बात कही। सोनिया गांधी ने कहा कि पिछले 13 वर्षों से भारतीय स्त्रियां राजनीतिक जिम्मेदारी मिलने का इंतजार कर रही हैं। अब उन्हें और इंतजार करने को कहा जा रहा है। सोनिया गांधी ने महिलाओं के मुद्दों पर अपनी बात रखते हुए सदन में पूछा कि क्या भारत की स्त्रियों के साथ यह बर्ताव किया जाना उचित है? सबसे रोचक बात यह रही कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी मांगों में महिलाओं के राजनीतिक अधिकारों का जमकर समर्थन किया।
जनगणना कराकर आरक्षण देने की मांग की गई
सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक पर भाजपा को घेरते हुए कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मांग है कि यह बिल फौरन अमल में लाया जाए। इसके साथ ही जातिगत जनगणना करवाकर SCST और OBC महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए। सोनिया गांधी ने अपने अनुभव से भाजपा को पूरी तरह कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक पर अपनी सहमति जताते हुए कहा कि इस बिल को लागू करने में और देरी करना भारत की स्त्रियों के साथ घोर नाइंसाफी है। सोनिया गांधी ने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम-2023’ पर भी अपने विचार व्यक्त किए।