TamilNadu News: तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में रहने वाले एक शख्स ने ऑनलाइन ऑर्डर कर खाना मंगवाया था। लेकिन खाने की अधूरी डिलीवरी के बाद ग्राहक को संतुष्टि नहीं हुई। उसने संबंधित फूड ऐप को इसकी जानकारी दी। लेकिन वहां से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जिसके बाद ग्राहक ने उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद अब कंज्यूमर फोरम ने जोमैटो पर 15 हजार का जुर्माना ठोका है। ऑनलाइन डोसा और उथप्पम कॉम्बो मंगवाया गया था। मामला 21 अगस्त 2023 का है। चेन्नई के पूनमल्ली के रहने वाले आनंद सेकर ने लोकल रेस्तरां अक्षय भवन से कई खाद्य पदार्थों की डिलीवरी जोमैटो ऐप के जरिए ऑर्डर की थी। डिलीवरी के बाद आनंद को पता लगा कि उथप्पम कॉम्बो और डोसा गायब थे। उन्होंने जोमैटो के ग्राहक सेवा केंद्र में संपर्क कर मदद मांगी, लेकिन वहां से कोई मदद नहीं मिली।
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प्रतिक्रिया न मिलने पर आनंद ने इसकी शिकायत तिरुवल्लूर में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में कर दी। उन्होंने पूरा ऑर्डर डिलीवर नहीं किए जाने पर मुआवजे की मांग की। जोमैटो ने अपनी सफाई में कहा कि वह सिर्फ मध्यस्थ था। कंपनी ने कहा कि भोजन की गुणवत्ता और ऑर्डर की पूर्णता के लिए उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। जोमैटो ने डिलीवरी के लिए 73 रुपये चार्ज किए थे। लेकिन उपभोक्ता आयोग ने कंपनी की किसी भी दलील को नहीं माना। आयोग ने कहा कि चार्ज लेकर डिलीवरी की गई। इसलिए डिलीवरी सही से हो, यह उसकी भी जिम्मेदारी थी।
केस खर्च के 5 हजार रुपये देने के आदेश
आयोग की अध्यक्ष लता माहेश्वरी ने कहा कि जोमैटो के नियम और शर्तें उसे ग्राहकों की ओर से कार्य करने की अनुमति देते हैं। इसलिए संबंधित ऑर्डर के लिए वह जिम्मेदार है। आनंद का भी सीधा जोमैटो से अनुबंध था। उसने इसके लिए पे भी किया। आयोग ने कहा कि वह ऑर्डर पर खर्चे गए 498 रुपये वापस करे। साथ ही मानसिक परेशानी के लिए ग्राहक को 10 हजार रुपये दे। आयोग ने कंपनी को केस खर्च के तौर पर 5 हजार रुपये अतिरिक्त ग्राहक को देने के आदेश जारी किए।
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