Railway Bonus 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को रेलवे कर्मचारियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन को मान्यता देते हुए 10,91,146 रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के उत्पादकता से जुड़े बोनस (पीएलबी) के रूप में 1865.68 करोड़ रुपये के भुगतान को मंजूरी दे दी.
बता दें कि हर साल दुर्गा पूजा/दशहरा की छुट्टियों से पहले योग्य रेल कर्मचारियों को पीएलबी का भुगतान किया जाता है. इस साल भी, लगभग 10.91 लाख नॉन-गजेटेड रेल कर्मचारी को 78 दिनों के वेतन के बराबर पीएलबी राशि का भुगतान किया जा रहा है.
पीएलबी का भुगतान रेलवे कर्मचारियों को रेलवे के प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए और अधिक प्रेरित करने के लिए किया जा रहा है. प्रत्येक पात्र रेलवे कर्मचारी के लिए 78 दिनों के वेतन के बराबर पीएलबी की अधिकतम देय राशि 17,951 रुपये है.
किन्हें मिलेगा ये पैसा?
उपरोक्त राशि का भुगतान विभिन्न श्रेणियों के रेलवे कर्मचारियों जैसे ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य ग्रुप ‘सी’ कर्मचारियों को किया जाएगा.
साल 2024-25 में रेलवे का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा. रेलवे ने रिकॉर्ड 1614.90 मिलियन टन माल ढोया और लगभग 7.3 बिलियन यात्रियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया.
मोदी कैबिनेट कई प्रोजेक्ट्स को दी मंजूरी
मंत्रिमंडल ने बिहार में बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया एकल रेलवे लाइन खंड (104 किलोमीटर) के दोहरीकरण को भी मंजूरी दी, जिसकी कुल लागत 2,192 करोड़ रुपये है. बिहार राज्य के चार जिलों को कवर करने वाली इस परियोजना से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 104 किलोमीटर की वृद्धि होगी.
परियोजना खंड राजगीर (शांति स्तूप), नालंदा, पावापुरी आदि जैसे प्रमुख स्थलों को भी रेल संपर्क प्रदान करता है, जिससे देश भर से तीर्थयात्री और पर्यटक आकर्षित होते हैं. बहु-ट्रैकिंग परियोजनाएं लगभग 1,434 गांवों और लगभग 13.46 लाख आबादी तथा दो आकांक्षी जिलों (गया और नवादा) तक संपर्क बढ़ाएंगी.
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कैबिनेट ने बिहार में NH-139W के साहेबगंज-अरेराज-बेतिया खंड के 4-लेन निर्माण को भी हाइब्रिड एन्युइटी मोड पर मंजूरी दे दी है. इस परियोजना की कुल लंबाई 78.942 किलोमीटर है और इसकी लागत 3,822.31 करोड़ रुपये है.
जहाज निर्माण, समुद्री वित्तपोषण और घरेलू क्षमता को बढ़ावा देने पर केंद्रित एक व्यापक 4-स्तंभीय दृष्टिकोण के साथ भारत के जहाज निर्माण और समुद्री क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए 69,725 करोड़ रुपये के पैकेज को भी हरी झंडी दे दी गई है.