नई दिल्ली: भारत को अपने नागरिकों और संगठनों के स्विस बैंक खातों के बारे में जानकारी दी गई है। यह सभी खातों के बारे में नहीं है, क्योंकि कुछ फीसदी खातों के बारे में ही यह जानकारी सामने आई है। स्विट्जरलैंड ने 101 देशों के साथ लगभग 34 लाख वित्तीय खातों का विवरण साझा किया है। अधिकारियों ने कहा कि भारत के साथ साझा की गई नई जानकारी सैकड़ों वित्तीय खातों से संबंधित है, जिसमें कुछ व्यक्तियों, कॉरपोरेट्स और ट्रस्टों से जुड़े कई खातों के कई मामले शामिल हैं।
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उन्होंने सूचना के आदान-प्रदान के गोपनीयता खंड और आगे की जांच पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव का हवाला देते हुए विशिष्टताओं का खुलासा नहीं किया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि डेटा का इस्तेमाल संदिग्ध कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग सहित अन्य गलत कामों की जांच में बड़े पैमाने पर किया जाएगा।
फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफटीए) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि इस साल सूचनाओं के आदान-प्रदान से सूची में पांच नए देशों को जोड़ा गया है। इसमें अल्बानिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, नाइजीरिया, पेरू और तुर्की है। वित्तीय खातों की संख्या में लगभग एक लाख की वृद्धि हुई है।
हालांकि एफटीए ने सभी 101 देशों के नामों और आगे के विवरण का खुलासा नहीं किया। अधिकारियों ने कहा कि भारत लगातार चौथे वर्ष सूचना प्राप्त करने वालों में प्रमुख रूप से शामिल है और भारतीय अधिकारियों के साथ साझा किए गए विवरण बड़ी संख्या में व्यक्तियों और संगठनों से संबंधित हैं, जिनके स्विस वित्तीय संस्थानों में खाते हैं।
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इससे पहले भारत को स्विट्जरलैंड की ओर से 2019 में भी खातों के बारे में जानकारी दी गई थी। डेटा संरक्षण और गोपनीयता पर भारत में आवश्यक कानूनी ढांचे की समीक्षा सहित, एक लंबी प्रक्रिया के बाद स्विट्जरलैंड ने भारत के साथ AEOI के लिए सहमति व्यक्त की थी। AEOI का मतलब बै सूचना का स्वचालित आदान-प्रदान होना।
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