Mahalakshmi Murder Case Inside Story: बेंगलुरु के व्यालिकल में हुए महालक्ष्मी मर्डर केस में अब ‘हत्यारे’ मुक्ति रंजन के भाई सत्या ने अपने बयान में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सत्या ने पुलिस को बताया कि मुक्ति के महालक्ष्मी के साथ रिश्ते कैसे थे? क्यों मुक्ति ने महालक्ष्मी को जान से मारा और उसकी लाश के साथ इतनी हैवानियत की।
सत्या ने बताया कि मुक्ति महालक्ष्मी के अत्याचारों से तंग आ चुका था, इसलिए उसने उसे मार दिया। उसकी लाश के टुकड़े-टुकड़े करके फ्रिज में छिपा दिए। उसने इतनी हैवानियत दिखाई, वह उसके महालक्ष्मी के प्रति गुस्से का परिणाम थी। मुक्ति का महालक्ष्मी के साथ झगड़ा हो गया था। इसी बीच उसने महालक्ष्मी का गला घोंट दिया और फिर उसकी लाश को टुकड़ों में बांट दिया। उसने सुसाइड करने से पहले अपनी आपबीती परिवार को बताई थी।
यह भी पढ़ें:बिहार में टीचर बना ‘हैवान’; 5वीं के बच्चे को थप्पड़ मारे, घसीटकर क्लास से निकाला बाहर
महालक्ष्मी मारपीट करती थी मुक्ति के साथ
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, मुक्ति के भाई सत्या ने कहा कि पुलिस को बताया कि मुक्ति ने 3 सितंबर को लड़ाई होने के बाद महालक्ष्मी की हत्या कर दी थी। रात में उसने लाश के टुकड़े करके फ्रिज में छिपा दिया। उसका इरादा लाश के टुकड़ों को ठिकाने लगाने का था। 2-3 महीने बाद वह लाश के टुकड़ों को ठिकाने लगाने की बात कह रहा था। दोनों एक-दूसरे को पसंद करते थे, लेकिन महालक्ष्मी इस बात पर जोर दे रही थी कि उनका रिश्ता शादी में बदल जाए।
सत्या ने बताया कि इससे दोनों के बीच मनमुटाव पैदा हो गया। शादी के लिए राजी न होने पर महालक्ष्मी ने कई बार मुक्ति के साथ मारपीट की थी। वह उसके अत्याचारों से तंग आ चुका था। महालक्ष्मी अक्सर मुक्ति से पैसे और गहने मांगती थी। वह उसे प्रताड़ित कर रही थी। हाल ही में दोनों केरल गए थे, जहां उनके बीच झगड़ा हुआ था। उसने पुलिस को शिकायत दी कि मुक्ति ने उसका अपहरण कर लिया है तो पुलिस ने मुक्ति को पकड़ लिया। रिहा करने से पहले उसे पीटा था।
यह भी पढ़ें:120KM स्पीड…ड्राइविंग की लाइव स्ट्रीमिंग और 7 की मौत; हादसे से पहले का वीडियो वायरल
महालक्ष्मी के टॉर्चर से तंग आकर की हत्या
बता दें कि गत 21 सितंबर को बेंगलुरु के व्यालिकल इलाके में एक मकान से महिला की लाश के टुकड़े मिले थे, जो कमरे में बिखरे हुए थे। कुछ टुकड़े फ्रिज के अंदर थे। मृतका की पहचान नेपाल की रहने वाली महालक्ष्मी के रूप में हुई थी, जो अपने पति हेमंत दास से अलग रह रही थी। महालक्ष्मी के अशरफ नामक शख्स के साथ भी संबंध थे, लेकिन बेंगलुरु के एक मॉल में कपड़ों के आउटलेट में काम करते समय उसकी दोस्ती मुक्ति रंजन के साथ हो गई।
दोनों एक दूसरे को चाहने लगे, लेकिन मुक्ति उससे शादी नहीं करना चाहता था। महालक्ष्मी के दबाव से तंग आकर मुक्ति ने उसकी हत्या करा दी। इसके बाद पकड़े जाने के डर से खुद भी फंदा लगाकर जान दे दी। पुलिस हेमंत और अशरफ पर शक कर रही थी, लेकिन दोनों के खिलाफ सबूत नहीं मिले। पूछताछ के दौरान मॉल से मुक्ति का सुराग लगा। पुलिस उसे पकड़ने ओडिशा गई, लेकिन वह सुसाइड नोट लिखकर सुसाइड कर चुका था। सुसाइड नोट में उसने महालक्ष्मी की हत्या करने का गुनाह कबूला।
यह भी पढ़ें:कार में मिली 5 लाशें; पति-पत्नी, 2 बच्चे और बुजुर्ग महिला मृतकों में शामिल, सुसाइड नोट भी बरामद