क्या गैंडों के सींगों से बनती है दवा? असम सीएम ने बताई सच्चाई
असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा
असम: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि राज्य भर में वर्ष 2022 में गैंडों के अवैध शिकार की कोई घटना नहीं हुई। उन्होंने नव नर्ष 2023 के पहले दिया मीडिया में बयान देते हुए कहा, गैंडों का अवैध शिकार अतीत में बड़े पैमाने पर होता था, जो अब कड़ी निगरानी और अधिकारियों द्वारा की जा रही अन्य सुरक्षा व्यवस्था के कारण काफी कम हो गया है।
आगे असम सीएम ने कहा कि असम अपने एक सींग वाले गैंडे के लिए जाना जाता है और यह राज्य बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है जो ऐसे स्थलों को देखने आते हैं। उन्होंने कहा काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान अब 2,613 गैंडों का घर है और राष्ट्रीय उद्यान प्राधिकरण द्वारा नवीनतम जनगणना के आंकड़ों के अनुसार संख्या बढ़ रही है।
यह है मिथक
असम सीएम ने कहा कि 2021 में, अवैध शिकार में गैंडों की संख्या 21 साल में सबसे कम थी, जो कि केवल 1 थी। 2013 और 2014 में, शिकारियों द्वारा 27 गैंडों को मार दिया गया था। शिकारियों को यह स्पष्ट संदेश देने के लिए कि गैंडे के सींग कोई औषधीय या मौद्रिक मूल्य नहीं देते हैं, असम सरकार ने सार्वजनिक रूप से सितंबर में 2,479 सींगों का भंडार जला दिया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, गैंडों के सींगों का औषधीय प्रयोजनों के लिए उपयोग एक मिथक है।
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