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ALL IS NOT WELL in Ladakh! -40 डिग्री तापमान में अनशन करेंगे सोनम वांगचुक, बताई ये वजह

लद्दाख: सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने 26 जनवरी से 5 दिन का अनशन शुरू करने का ऐलान किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि वह माइनस 40 डिग्री तापमान और 18000 फीट की ऊंचाई पर खारदुंगला पास पर ‘क्लाइमेट फास्ट’ करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने अपनी मांगों को लेकर एक वीडियो भी पोस्ट किया […]

Edited By : Amit Kasana | Updated: Jan 22, 2023 20:13
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सोनम वांगचुक

लद्दाख: सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने 26 जनवरी से 5 दिन का अनशन शुरू करने का ऐलान किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि वह माइनस 40 डिग्री तापमान और 18000 फीट की ऊंचाई पर खारदुंगला पास पर ‘क्लाइमेट फास्ट’ करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने अपनी मांगों को लेकर एक वीडियो भी पोस्ट किया है।

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लद्दाख में सब ठीक नहीं है

ट्वीट कर सोनम वांगचुक ने कहा, लद्दाख में सब ठीक नहीं है! अपने नए वीडियो में मैं अपील करता हूं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हस्तक्षेप करें और नाजुक लद्दाख को सुरक्षा प्रदान करें। आगे उन्होंने लिखा है कि सरकार और दुनिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए मैं 26 जनवरी से खारदुंगला दर्रे पर 18000 फीट, -40 डिग्री सेल्सियस पर 5 दिन #ClimateFast पर बैठने की योजना बना रहा हूं।

 

 

लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की उठाई मांग 

वीडियो में वह केंद्र सरकार से अपील कर रहे हैं कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए। वीडियो में उन्होंने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव और हिल काउंसिल चुनाव में यह मुद्दा बीजेपी के मेनिफेस्टो में शामिल था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस मुद्दे के जल्द समाधान की मांग की।

कई गांवों में जल संकट

सोनम वांगचुक ने अपने वीडियो में यह भी कहा है कि लद्दाख में पानी बहुत कम है। कई गांव जल संकट से जूझ रहे हैं। बर्फ के रूप में आसमान से सालाना चार इंच पानी नीचे आता है। उन्होंने आगे कहा कि ग्लेशियर पर जीवन निर्भर करता है और यहां के लोग 5 लीटर प्रतिदिन पर गुजारा कर लेते हैं।

क्या है छठी अनुसूची?

सोनम ने कहा कि लद्दाख सैनिक दृष्टि से भी बहुत संवेदनशील है। खारदुंगला नुब्रा घाटी का हिस्सा है, जिसकी सीमाएं एक तरफ सियाचिन ग्लेशियर के पास पश्चिम में पाकिस्तान से और पूर्व में गलवान घाटी में चीन से लगती है। जानकारी के मुताबिक, साल 1949 में संविधान सभा की ओर से पारित छठी अनुसूची में स्वायत्त क्षेत्रीय परिषद और स्वायत्त जिला परिषदों के माध्यम से ‘आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा’ का प्रावधान है। यह विशेष प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 244 (2) और अनुच्छेद 275 (1) के तहत किया गया है। राज्यपाल को स्वायत्त जिलों को गठित करने और पुनर्गठित करने का अधिकार है। लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने पर यहां की विशेष संस्कृति, भूमि अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

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Written By

Amit Kasana

First published on: Jan 22, 2023 07:47 PM

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