Akash Anand Target Rahul Gandhi: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद का बड़ा बयान सामने आया है। आकाश आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कांग्रेस नेता राहुल और प्रियंका गांधी पर निशाना साधा है। आकाश आनंद ने कहा कि करोड़ों शोषितों, वंचितों और गरीबों के लिए बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ही भगवान हैं। आजकल वोट बैंक के लिए उनके नाम का इस्तेमाल करना एक फैशन हो गया है। बता दें कि इस समय कांग्रेस और बीजेपी बाबा साहेब को लेकर आमने-सामने हैं। संसद में कुछ समय पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आंबेडकर को लेकर बयान दिया था। कांग्रेस ने बयान को बाबा साहेब का अपमान करार दिया था। जिसके खिलाफ देशभर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
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ऐसे में अब प्रियंका और राहुल गांधी पर आकाश आनंद ने निशाना साधा है। आकाश आनंद बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले गृह मंत्री ने संसद में बाबा साहेब का अपमान किया। अब राहुल और प्रियंका गांधी ने हमारी नीली क्रांति को फैशन शो बना दिया है। इतनी ही नहीं, दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी उनकी छवि के साथ छेड़छाड़ की है।
बीएसपी का देश के दलित, शोषित, वंचितों और उपेक्षितों समाज के लिए मिशन जारी रहेगा। इन वर्गों के आत्म-सम्मान के लिए वे लोग काम करते रहेंगे। एक न एक दिन अमित शाह को भी उनके अपमान के लिए पश्चाताप करना होगा। बसपा ने आज दोपहर को दिल्ली में प्रदर्शन का ऐलान किया है। जिसके बाद डीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
करोड़ों शोषितों, वंचितों और गरीबों के लिए बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर जी भगवान ही हैं।
लेकिन वोटों के लिए उनके नाम का इस्तेमाल करना आज कल एक फैशन हो गया है।
पहले देश के गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने संसद में उनका अपमान किया, फिर श्री राहुल गांधी जी व प्रियंका गांधी जी ने…
— Akash Anand (@AnandAkash_BSP) December 24, 2024
राज्यसभा में दिया था अमित शाह ने बयान
इससे पहले 17 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बयान दिया था। राज्यसभा में उन्होंने नेहरू कैबिनेट से आंबेडकर के रिजाइन करने को लेकर बात की थी। शाह के कहा था कि आंबेडकर का नाम लेना अभी एक फैशन हो गया है। इतना नाम अगर भगवान का ले लेते तो स्वर्ग मिल जाता। आंबेडकर का नाम आप लेते हैं तो हमें आनंद आता है। अब उनका नाम 100 बार ज्यादा लें। इसके बाद अमित शाह ने आंबेडकर के देश की पहली कैबिनेट से रिजाइन करने को लेकर सवाल उठाए थे।
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गृह मंत्री ने कहा था कि बाबा साहेब निम्न वर्गों के साथ सरकार के व्यवहार से अंसतुष्ट थे। वे सरकार की विदेश नीतियों का समर्थन भी नहीं करते थे। कश्मीर में धारा-370 लगाने के पक्ष में भी नहीं थे। आंबेडकर को जो आश्वासन दिए गए, वे पूरे नहीं किए गए थे। इसलिए उन्होंने कैबिनेट से रिजाइन किया था।