ISRO Solar Spacecraft Aditya L1 Latest Update: चंद्रमा के बाद आज भारत सूरज पर तिरंगा लहराएगा। कुछ ही घंटों में इसरो का सूर्य मिशन आदित्य-L1 सूरज पर पहुंच जाएगा और तपते-जलते सूरज को ‘नमस्ते’ कहेगा। देश का पहला सोलर मिशन आदित्य-L1 के आज शाम 4 बजे तक अपने लक्ष्य पर पहुंचने की उम्मीद है। इसरो आज आदित्य-L1 को फाइनल कमांड देगा, जिसके बाद वह सूर्य के काफी करीब पहुंच जाएगा। 2 सितंबर 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से आदित्य-L1 को लॉन्च किया गया था, जो 15 लाख किलोमीटर का सफर पूरा करके आज अपने टारगेट पर पहुंचेगा।
India sets its sights on the Sun!
Aditya-L1, India’s first-ever space mission to study the Sun successfully launched.#BharatIn2023 pic.twitter.com/JDtKCwQty8
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स्पीड को कंट्रोल करना होगा चैलेंजिंग
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) चीफ एस सोमनाथ के मुताबिक, आदित्य-L1 धरती और सूरज के बीच दूरी के 10वें हिस्से तक ही जाएगा और अगर मिशन सक्सेसफुल हुआ तो अगले लगभग 5 साल तक आदित्य-L1 सूरज की किरणों पर रिसर्च करके डाटा भेजेगा। इसरो पहली बार सूर्य के ऑर्बिट में पहुंचने का प्रयास कर रहा है, लेकिन आदित्य-L1 की स्पीड को काबू करना काफी चैलेंजिग होगा। उसका रास्ता बदलने के लिए उसमें लगे थ्रस्टर को फायर किया जाएगा। पहली बार में ही फायर करना सक्सेसफुल होना चाहिए। दूसरी बार करने पर इसके क्रैश होने का डर है। इसलिए बहुत सावधानी बरतनी होगी।
🚀PSLV-C57/🛰️Aditya-L1 Mission:
The launch of Aditya-L1,
the first space-based Indian observatory to study the Sun ☀️, is scheduled for
🗓️September 2, 2023, at
🕛11:50 Hrs. IST from Sriharikota.Citizens are invited to witness the launch from the Launch View Gallery at… pic.twitter.com/bjhM5mZNrx
— ISRO (@isro) August 28, 2023
हीट शील्ड बचाएगी सूर्य की तपिश से
इसरो चीफ ने बताया कि अभी तक हम धरती से ही टेलिस्कोप के जरिए सूरज पर रिसर्च-स्टडी कर रहे थे, लेकिन इससे सूर्य की किरणों की जानकारी नहीं मिल पाती थी। सोलर मिशन सक्सेसफुल हुआ तो भारत यह जान पाएगा कि सूरज की किरणों का तापमान कितना है? सूरज इतना गर्म क्यों है और इसका तापमान कितना है? लेकिन टारगेट पर पहुंचने के बाद दूसरा चैलेंज होगा सूर्य की तपिश को बर्दाशत करना और आदित्य-L1 थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम यानी हीट शील्ड की वजह से तपिश से बच जाएगा। हीट शील्ड कार्बन फोम से बनी है। कार्बन सूर्य की तपिश को रोककर आदित्य-L1 को जलने से बचाएगी।
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