---विज्ञापन---

Ram Mandir: राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले क्या-क्या अनुष्ठान होंगे, मुख्य पुजारी ने दी जानकारी

Acharya Satyendra Das on Ram Mandir Inauguration: आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि और जगह जो पूजा होती है उसमें माता सीता भी साथ रहती हैं। यहां केवल राम ही हैं। 16 मंत्रों से सभी कार्य होते हैं।

Edited By : Shubham Singh | Updated: Jan 12, 2024 11:09
Share :
Ram Mandir Inauguration Acharya Satyendra Das
राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा पर आचार्य सत्येन्द्र दास

Acharya Satyendra Das on Ayodhya Uttar Pradesh Ram temple Inauguration rituals: यूपी के अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर हैं। अयोध्या में चहल पहल बढ़ गई है और दुकानें-बाजार सज गए हैं। सभी तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। इस बीच राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने राम मंदिर के प्राणप्रतिष्ठा समारोह और उससे पहले के अनुष्ठानों के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कार्यक्रम के पहले होने वाली सभी तैयारियों के बारे में बताया और साथ ही प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की विधियों के बारे में भी जानकारी दी।

आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि, प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में बहुत कुछ करना पड़ता है। इसलिए पहले से पूजा प्रारंभ हो जाएगी। 14 को खरमास समाप्त हो जाएगा उसके बाद 15-16 जनवरी से कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। भगवान के लिए पहले तमाम देवी देवताओं की पूजा होती है, 9 ग्रहों की पूजा होती है, दिशाओं की पूजा होती है। पहले पूजा अर्चना करनी पड़ती है। इसके बाद मूर्ति को नगर भ्रमण कराना है। नगर भ्रमण नहीं करेंगे तो परिसर भ्रमण कराएंगे।

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें-भावुक हुए PM मोदी, 11 दिन व्रती रहेंगे; Ram Mandir में प्राण प्रतिष्ठा से पहले देश को दिया संदेश

प्राण प्रतिष्ठा की विधि

---विज्ञापन---

आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि, जहां मंदिर बन रहा है उस क्षेत्र में घुमाएंगे। इसके बाद अन्नादिवास, पुष्पादिवास आदि करेंगे। प्राण प्रतिष्ठा के पहले सारी प्रक्रियाएं हो जाएंगी। प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम तक सभी कार्य पूरे हो जाएंगे। प्राण प्रतिष्ठा की जो विधि है उसी को संपन्न करेंगे और उसी दिन प्रधानमंत्री जी भी आएंगे। प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले आचार्य बताएंगे कि प्रधानमंत्री जी के साथ क्या कराएंगे।

आचार्य सत्येन्द्र दास ने आगे कहा कि, प्राण प्रतिष्ठा के बाद उसमें वही शक्ति आ जाती है जो देवता कि प्राण प्रतिष्ठा में शक्ति आ जाती है। इसलिए उनकी आंख को बांधा जाता है। आंख बांधने के बाद जो शक्तियां हैं वे आंख से निकलती हैं। इसलिए जिस शक्ति को मंत्रों के द्वारा स्थापित किया गया है वह बाहर न निकले जबतक प्राण प्रतिष्ठा होकर सिंहासन तक हां उनको स्थापित करना है वहां जबतक स्थापित नहीं हो जाते।

सोने की सीक से काजल

आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि, प्राण प्रतिष्ठा के बाद जब स्थापित हो जाएंगे तब सामने से नहीं बल्कि बगल से आचार्य निर्देश देंगे और वे उनकी पट्टी को खोलेंगे। पट्टी खोलने के बाद शीशा दिखाएंगे इसके बाद उनको सोने की सीक से काजल लगाएंगे। ये विधियां प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद होती हैं। शक्ति हानि न पहुंचाए इसलिए पट्टी बांधी जाती है। मूर्ति छोटी है सभी लोग दर्शन नहीं कर पाते हैं। इसलिए बड़ी मूर्ति की जरूरत पड़ी। एक 5 वर्ष के बालक के बराबर की मूर्ति बनी है। उसी मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा होगी।

ये भी पढ़ें-Ram Mandir अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह किसे बुलाया गया है और किसे नहीं?

HISTORY

Edited By

Shubham Singh

First published on: Jan 12, 2024 11:00 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें