5 Policeman Terror Financing Jammu Kashmir News: जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ महीनों से आतंकी घटनाओं ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है। जम्मू से लेकर कश्मीर और भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब आए दिन आतंकी मुठभेड़ की खबरें सामने आ रही हैं। सुरक्षाबलों ने बार-बार अपने जांच में स्थानीय लोगों की भागीदारी का खुलासा किया। सुरक्षाबलों का ये दावा सच साबित हो गया। 6 सरकारी कर्मचारियों पर टेरर फंडिंग में शामिल होने का आरोप लगा है। इसमें 5 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
1 सरकारी टीचर भी शामिल
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जांच में पता चला है कि 6 सरकारी कर्मचारी नार्को टेरर नेटवर्क का हिस्सा हैं। ये नेटवर्क पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम करता है। इसके जरिए पाकिस्तान की धरती पर पनपने वाले आतंकवाद को बढ़ावा दिया जाता है। ये नेटवर्क नारकोटिक्स सप्लाई करता है। इससे होने वाले मुनाफे से आंतकी एक्टिविटियों को फंडिंग दी जाती है।
#WATCH | Kulgam, Jammu and Kashmir: Encounter underway between terrorists and security forces in Frisal Chinnigam area of Kulgam district.
(Visuals deferred by unspecified time) pic.twitter.com/dHZJc4mHv1
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) July 7, 2024
6 सरकारी कर्मचारियों के नाम
इस लिस्ट में 6 सरकारी कर्मचारियों के नाम सामने आए हैं। इनमें 5 पुलिसकर्मी और 1 सरकारी टीचर मौजूद है। सभी लोग ड्रग बेचकर टेरर फंडिंग को बढ़ावा दे रहे थे। सरकारी टीचर का नाम नजम दिन है। वहीं पांचों पुलिसकर्मियों में कांस्टेबल फारुख अहमद शेख, कांस्टेबल खालिद हुसैन शाह, कांस्टेबल रेहमत शाह, कांस्टेबल इरशाद अहमद और कांस्टेबल सैफ दिन का नाम शामिल है।
LG ने किया बर्खास्त
जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने अनुच्छेद 311(2)(c) के तहत सभी छह आरोपियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब एलजी ने इस पावर का इस्तेमाल किया हो। 2019 में धारा 370 हटने के बाद लगभग 70 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है। पिछले महीने भी 4 पुलिसकर्मियों को नार्को-टेरर में पकड़ा गया था, जिसके बाद एलजी ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था।
यह भी पढ़ें- क्या आतंकी हमला बना BSF चीफ को हटाने की वजह? नितिन अग्रवाल पर एक्शन की ये हैं वजहें!