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World Vitiligo Day 2025: क्या छूने से होती है ये बीमारी? जानें सफेद दाग की डिजीज का काला सच

World Vitiligo Day 2025: विटिलिगो एक स्किन से संबंधित रोग होता है, जो इम्यूनिटी कमजोर होने के चलते इंसान को प्रभावित करती है। इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है, ताकि इसके प्रभाव को कम किया जा सकें।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Jun 25, 2025 13:34

World Vitiligo Day 2025: विटिलिगो एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होता है, जो हमारे इम्यून सिस्टम से संबंध रखता है। इसमें मरीज की त्वचा पर लाल और सफेद रंग के दाग हो जाते हैं, जो कई बॉडी में कई जगहों पर होते हैं। हर साल 25 जून को मनाया जाने वाला वर्ल्ड विटिलिगो डे हमें उस स्किन रोग के बारे में जागरूकता फैलाने की याद दिलाता है, जिसे आज भी लोग गलत समझते है। सफेद धब्बों के रूप में दिखाई देने वाली इस स्थिति को लेकर लोगों में सबसे आम सवाल है कि क्या विटिलिगो छुआछूत या संक्रमण से फैलता है? चलिए जानते हैं एक्सपर्ट से इस बीमारी के बारे में

क्या छूने से फैलता है रोग?

नहीं, डॉक्टरों के मुताबिक और वैज्ञानिक पुष्टि में भी विटिलिगो को बिल्कुल भी संक्रामक नहीं बताया गया है। विशेषज्ञ बताते हैं कि विटिलिगो न तो छुआछूत से फैलता है और न ही यह कोई संक्रामक रोग है। यह किसी को छूने, साथ में खाने या फिर शारीरिक संपर्क से नहीं फैलता है।

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

आकाश हेल्थकेयर की डर्मेटोलॉजी, वेनेरियोलॉजी और लेप्रोलॉजी विभाग के डॉ. मीनू मलिक बताती हैं कि “विटिलिगो एक ऑटोइम्यून स्थिति है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से अपने ही रंग बनाने वाले कोशिकाओं (मेलानोसाइट्स) पर हमला कर देती है। इसका संक्रमण या सफाई से कोई लेना-देना नहीं है और यह बिल्कुल भी संक्रामक नहीं है”। इसके बावजूद, समाज में इससे जुड़ा कलंक आज भी कायम है, जिससे मरीजों को स्कूल, नौकरी और विवाह जैसे क्षेत्रों में भेदभाव और अलगाव का सामना करना पड़ता है।

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विटिलिगो के कारण क्या हैं?

हालांकि, इसके सटीक कारणों पर शोध जारी है, लेकिन यह माना जाता है कि विटिलिगो आनुवंशिक, ऑटोइम्यून और पर्यावरणीय कारणों से होता है। NLRP1, HLA और TYR जैसे कुछ जीन विटिलिगो से जुड़े पाए गए हैं।

हालांकि, फिलहाल वैज्ञानिक इनके आधार पर जीन-आधारित ट्रीटमेंट की दिशा में काम कर रहे हैं। तनाव, स्किन पर चोट और पारिवारिक इतिहास इसके जोखिम को बढ़ा सकते हैं, लेकिन यह न तो किसी खास खाना खाने से होता है और न ही किसी रोगी के संपर्क में आने से, जिसका भ्रम सबसे बड़ा है।

भारत में उपलब्ध इलाज के विकल्प

हालांकि, विटिलिगो का स्थायी इलाज अब तक नहीं मिला है, लेकिन अगर समय पर पहचान और सही इलाज किया जाए, तो इसके फैलाव को रोका जा सकता है और स्किन का रंग वापस लाया जा सकता है।

कौन-कौन से विकल्प उपलब्ध है?

  • टोपिकल ट्रीटमेंट
  • फोटोथेरेपी (नैरोबैंड UVB)
  • सर्जिकल ऑप्शन

विटिलिगो से बचाव के लिए कुछ जरूरी टिप्स

  • सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।
  • संतुलित आहार लें, जिसमें विटामिन-B12, D, जिंक और कॉपर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  • तनाव से बचने के लिए  योग और माइंडफुलनेस सहायक होंगे।
  • स्वयं इलाज न करें।
  • आत्मविश्वास को बनाए रखें।

जरूरी सलाह

डॉक्टर बताती हैं कि विटिलिगो मरीजों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि यह बीमारी नहीं बल्कि समाज द्वारा किया गया बहिष्कार होता है। हमारे समाज को इस रोग के बारे में जागरूक करना, इलाज से जुड़ी शिक्षा और सहानुभूति देना जरूरी है।

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First published on: Jun 25, 2025 01:32 PM

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