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क्या है E-cigarettes और Vapes? कैसे सेहत पर करती है असर

E-cigarettes And Vapes Health Risks: आजकल के युवाओं में ई-सिगरेट और वेपिंग का यूज काफी ज्यादा बढ़ चुका है। कई लोग कूल दिखने के चक्कर में इनका इस्तेमाल करते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि ये सिगरेट से कम नुकसान करता है, लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो इससे कई तरह की गंभीर समस्याएं होती हैं, क्योंकि इसमें कई तरह के केमिकल्स का प्रयोग किया जाता है।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: May 31, 2024 15:24
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E-cigarettes And Vapes Health Risks
ई-सिगरेट की स्मगलिंग करने वाले गिरोह के 3 सदस्य भी पुलिस ने दबोचे हैं।

E-cigarettes And Vapes Health Risks: क्या सिगरेट की ही तरह ई सिगरेट हमारी हेल्थ को नुकसान कर सकता है या फिर ये नॉर्मल सिगरेट से कहीं ज्यादा अलग है? ई-सिगरेट(E-cigarette) जिसे वेप भी कहते हैं, इन दिनों युवाओं में इसका चलन है। ई-सिगरेट एक छोटा सा डिवाइस है जिसका यूज निकोटिन, फ्लेवरिंग, कैनाबिस, फ्लेवरिंग आदि के लिए करते है। यह ज्यादातर यूथ और टीनएजर्स में इसका क्रेज है। इसके पीछे की वजह यह हो सकती है कि कई लोगों को कूल दिखने में हेल्प करता है।

आप में से कुछ ऐसे भी होंगे, जिन्हें ई-सिगरेट का नाम तो पता है, पर ये चीज होती क्या है, नहीं पता होता है। क्या ये सिगरेट की ही तरह हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकती है ? आजकल युवाओं की बात करें तो सिगरेट की तुलना में ई-सिगरेट और वेपिंग का शौक इनमें ज्यादा बढ़ा है और ज्यादातर इसे सिगरेट के बदले बेस्ट ऑप्शन मानते हैं। कई लोगों के अनुसार, इससे कम नुकसान होता है, लेकिन फिर भी इसके कई गंभीर नुकसान होते हैं।

क्या है ई-सिगरेट?  

ई-सिगरेट यानी की इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बैटरी की मदद से चलने वाला एक डिवाइस है, जिसमें निकोटिन के साथ-साथ कई केमिकल्स के घोल मिले होते हैं। जब इसे कोई यूज करने वाला इससे कश को खींचता है तो डिवाइस के जरिए घोल स्टीम में चेंज हो जाती है। इस तरह से ई-सिगरेट की कश खींचने पर धुएं की जगह भाप अंदर जाती है।

ई-सिगरेट के नुकसान 

फेफड़ों के लिए नुकसानदायक 

ई-सिगरेट में निकोटिन के साथ ही फ्लेवेरिंग के लिए खुशबू वाले केमिकल्स मिले होते हैं। यह केमिकल जब गर्म होते हैं तो कश खींचने पर सांस के साथ लंग्स में जाते हैं, जिससे फेफड़ों के कैंसर का चांस बढ़ता है।

प्रेग्नेंट महिलाएं 

ई-सिगरेट में धुएं की जगह भाप होती है, इस भाप का गर्भ में पल रहे शिशु पर बुरा असर होता है। वहीं ई सिगरेट को छोटे बच्चों के आस-पास पीना सही नहीं होता है, क्योंकि ये बच्चों के दिमाग पर असर कर सकता है।

दिल की बीमारी का खतरा 

ई-सिगरेट में मौजूद फ्लेवेरिंग से ब्लड सर्कुलेशन पर असर होता है, जिससे दिल की बीमारी का खतरा बढ़ता है। अगर दिल को हेल्दी रखना चाहते हैं तो सिगरेट के साथ ही ई सिगरेट से भी परहेज करें।

वेपिंग क्या है?

वेपिंग में लिक्विड फ्लेवर को जब हाई टेंपरेचर पर गर्म करते हैं, तो एयरोसोल बनता है जिसे सांस के जरिए अंदर लिया जाता है, इसमें कई तरह के केमिकल्स का यूज होता है, जिनमें प्रोपलीन ग्लाइकोल, ग्लिसरीन, निकोटीन और फ्लेवर्ड केमिकल्स होते हैं। इसके अलावा इन फ्लेवर में कई फ्रूट्स का टेस्ट जैसे स्ट्रॉबेरी, तरबूज और ब्लूबेरी भी काफी चलन में है, लेकिन ये गर्म होने पर खतरनाक केमिकल पैदा करता है जिससे सेहत को काफी नुकसान होता है। इससे क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, दिल से जुड़ी बीमारियां और कैंसर होने का जोखिम बढ़ रहा है।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।   

First published on: May 31, 2024 03:24 PM

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