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World Mental Health Day पर सैनिकों को लेकर सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट, गोलियों से ज्यादा डिप्रेशन से गई जवानों की जान

पल्लवी झा World Mental Health Day, नई दिल्ली: हर साल 10 अक्टूबर के दिन वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है। इस खास दिन के अवसर मानवाधिकार आयोग ने देश के लोगों से अनुरोध किया है कि वो लोग अपने मेंटल हेल्थ को लेकर गंभीरता से सोचे और उसका इलाज करवाए। आपको जानकर हैरानी होगी […]

Edited By : Pooja Mishra | Updated: Oct 10, 2023 20:18
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पल्लवी झा

World Mental Health Day, नई दिल्ली: हर साल 10 अक्टूबर के दिन वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है। इस खास दिन के अवसर मानवाधिकार आयोग ने देश के लोगों से अनुरोध किया है कि वो लोग अपने मेंटल हेल्थ को लेकर गंभीरता से सोचे और उसका इलाज करवाए। आपको जानकर हैरानी होगी की एक रिपोर्ट कहती है देश की सरहद की रक्षा करने वाले सैनिकों की मौत दुश्मनों की गोलियों से ज्यादा डिप्रेशन से हो रही है।

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NHRC की एडवाइजरी

मानवाधिकार आयोग की सिफारिशों के अनुसार सभी देश के राज्यों में जल्द से जल्द मेंटल हेल्थ अथॉरिटी बनाई जानी चाहिए। इसके साथ ही सिफारिशों की लिस्ट में मेंटल हेल्थ को मेडिक्लेम पॉलिसी और अथॉरिटी बनाना जैसी चीजे शामिल हैं। नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन यानी (NHRC) ने मेंटल हेल्थ के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की है।

डिप्रेशन के शिकार युवा 

सामने एक आंकड़ों के मुताबिक 2020 में लॉकडाउन के शुरुआती महीनों में 9.3 फीसदी युवा (18 से 24 साल) डिप्रेशन से जूझ रहे थे। वहीं, ये आकड़ा मार्च 2022 में बढ़कर 16.8 प्रतिशत तक पहुंच गया था। ऐसा नहीं है कि डिप्रेशन का शिकार सिर्फ युवा ही हुए हैं 45 से 64 साल की उम्र के लोगों में भी डिप्रेशन की समस्यां देखने को मिली है।

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UNICEF का सर्वे 

UNICEF की 2021 के सर्वे के अनुसार, भारत में 15 से 24 वर्ष के लगभग 14% ने अक्सर उदास या उदासीन महसूस करने की सूचना दी। WHO की 2015 की रिपोर्ट ने सुझाव दिया गया है कि भारतीय आबादी का 4.5%, या लगभग 56,675,969 लोग अवसादग्रस्त विकारों से प्रभावित थे। भारत में हर 7 में से एक किशोर को डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहा है, इससे ज्यादा पारेशानी की बात ये है कि भारत में बच्चे अपनी मानसिक परेशानियों को लेकर मदद मांगने के बारे में नहीं सोचते है।

मेंटल हेल्थ केयर एक्ट 2017

मेंटल हेल्थ केयर एक्ट 2017 के अनुसार देश में इसके लिए अभी तक कोई इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं किया गया है। मानसिक बीमारियों के ईलाज के लिए MD डॉक्टर की भारी कमी है। मेंटल हेल्थ केयर एक्ट के हिसाब से 2027 तक का लक्ष्य तय किया गया है। ऐसे में एक्ट होते हुए भी जागरूकता की कमी है।

मेंटल हेल्थ का आंकलन

हाल ही में केंद्र सरकार ने ये साफ किया है कि जिस तरीके से ये समस्या गंभीर हो रही है उसको देखते हुए अब प्राइमरी हेल्थ सेंटरों पर मानसिक स्वास्थ्य का आंकलन किया जाएगा। सरकार अब PHC और CHC यानी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाले लोगों के मानसिक स्वास्थ्य का असेसमेंट करेगी‌। ये सेंटर अभी तक जच्चा बच्चा केंद्र की तरह काम कर रहे थे। लेकिन 2016 से यहां लाइफस्टाइल वाली बीमारियों की जांच हो रही है।‌ अब यहां मेंटल हेल्थ की जांच भी की जाएगी।

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Pooja Mishra

First published on: Oct 10, 2023 08:18 PM

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