World Hypertension Day 2025: हाइपरटेंशन यानी हाई बीपी की समस्या। अगर किसी को यह परेशानी होने लगे तो आगे चलकर उसे दिल की बीमारियों समेत कई प्रकार के रोगों के होने का रिस्क रहता है। इन दिनों बच्चों में भी हाई बीपी की प्रॉब्लम बढ़ने लगी है, जिसके कारण उनकी सेहत पर भी असर हो रहा है। आइए वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे 2025 पर जानते हैं बच्चों में बढ़ती इस परेशानी का कारण और बचाव क्या है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज, कार्डियक सर्जरी के वरिष्ठ निदेशक, डॉ. वैभव मिश्रा बताते हैं कि हर साल 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस (World Hypertension Day) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को हाई बीपी के खतरों और इसके रोकथाम के उपायों के बारे में जागरूक करना है। पहले यह समस्या वयस्कों में देखी जाती थी, मगर अब यह तेजी से बच्चों और किशोरों को भी अपना शिकार बना रही है। आप देखेंगे कि स्कूल जाने वाले बच्चों को भी हाई बीपी की प्रॉब्लम होने लगी है, जो कि एक चिंताजनक स्थिति है।
अगर समय रहते इसका इलाज न होता है, तो यह हृदय रोग, किडनी फेलियर और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकती है।
बच्चों में क्यों बढ़ रही है समस्या?
1. खानपान में गड़बड़ी
आजकल के बच्चे जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड और बाहर का खाना खाना अधिक पसंद करते हैं। इनमें अधिक मात्रा में नमक और शुगर होता है, जिससे शरीर में सोडियम का स्तर बढ़ता है। सोडियम हाई बीपी का एक कारण भी है।
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2. फिजिकल एक्टिविटी की कमी
आजकल बच्चे मोबाइल, वीडियो गेम और टीवी के चलते पहले की तरह आउटडोर स्पोर्ट्स खेलना पसंद नहीं करते हैं। कम फिजिकल एक्टिविटी के चलते मोटापा बढ़ता है। बता दें कि बच्चों में ओबेसिटी भारत में भी एक बढ़ती समस्या हो गई है। ज्यादा वजन भी हाई बीपी का कारण है।
3. तनाव और मेंटल प्रेशर
पढ़ाई का दबाव, सोशल मीडिया की आदतें और नींद की कमी से बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। इससे बच्चों में स्ट्रेस बढ़ रहा है, जिससे बीपी का स्तर भी बढ़ सकता है।
4. हाई बीपी का इतिहास
अगर बच्चों के माता-पिता या परिवार के अन्य लोगों में हाई बीपी की समस्या है तो, उनमें भी इसका खतरा अधिक होता है।
5. अन्य स्वास्थ्य समस्याएं
आजकल बच्चों में मोटापा, टाइप-1 या टाइप-2 डायबिटीज, किडनी डिजीज आदि जैसी बीमारियां भी सामान्य हो गई हैं। बच्चों में भी हाई बीपी की संभावना इस कारण अधिक हो जाती है।
माता-पिता कैसे रखें बच्चों का ख्याल?
- बच्चों को संतुलित आहार खिलाएं। उन्हें खाने में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम नमक वाले फैट फूड्स खिलाएं। जंक फूड और सोडा ड्रिंक्स से दूर रखें।
- अपने बच्चों को रोजाना कम से कम 1 घंटे तक फिजिकल एक्टिविटी के लिए बाहर खेलने के लिए मोटिवेट करें। उन्हें साइकिलिंग, रनिंग या आउटडोर गेम्स खेलने के लिए कहें।
- स्क्रीन टाइम कम करें, मोबाइल और टीवी के उपयोग से बच्चों को दूर रखें। उन्हें किताबों, गार्डनिंग और अन्य एक्टिविटीज में शामिल करें।
- नियमित जांच जरूर करवाएं, चाहे बच्चा बीमार हो या न हो।
- बच्चों की भावनात्मक जरूरतों को समझें, ताकि वे तनाव से दूर रहें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।