कैंसर एक गंभीर और घातक बीमारी है, जो कई अंगों में हो सकता है। कैंसर के भी कई प्रकार होते हैं, जिसमें कोलन कैंसर या रेक्टल कैंसर भी शामिल है। इस कैंसर के बारे में कहा जाता है कि दुनिया में यह तीसरा सबसे आम कैंसर है। कई मेडिकल रिपोर्ट्स बताती हैं कि कोलन कैंसर अमेरिका में सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर टाइप है। इस कैंसर में पेट की बड़ी आंतों में कैंसर का सेल ग्रो करता है। यह कैंसर बड़ी आंतों से शुरू होकर मलाशय तक फैल जाता है। हर साल 31 मार्च को वर्ल्ड कोलेरेक्टल कैंसर डे मनाया जाता है। इस साल कैंसर की थीम “यूनाइटेड बाय यूनिक” है। इसका मतलब होता है कि कैंसर के मरीजों की देखभाल कुछ अलग और नए-नए तरीकों से की जाएं। चलिए सबसे पहले जानते हैं इस कैंसर के होने के कारण और शुरुआती संकेतों के बारे में।
बता दे कि कई हेल्थ रिपोर्ट्स, मेडिकल न्यूज, मेडिकल एक्सप्रेस और अमेरिकन कैंसर सोसाइटी भी दावा करती हैं कि युवाओं में इस प्रकार का कैंसर सबसे आम है। साथ ही कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या में इस कैंसर से होने वाली मौतें अधिक हैं। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के मुताबिक, यह कैंसर इंसान के डाइजेस्टिव सिस्टम में होने वाला कैंसर है।
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युवाओं में कोलन कैंसर के बढ़ने के कारण
युवाओं में अनहेल्दी लाइफस्टाइल, फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड्स और ऐसे ही अन्य खराब खान-पान का सेवन काफी बढ़ गया है, जो आंतों को डैमेज करता है। यह इस कैंसर के होने का प्रमुख कारण बनता है। कम फिजिकल एक्टिविटी भी कोलन कैंसर के रिस्क को बढ़ाता है। दरअसल, वर्क लोड और लॉन्ग टाइम सिटिंग जॉब्स के चलते लोग जिम या किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि को करने के लिए पर्याप्त समय नहीं निकाल पाते हैं। कोलन कैंसर होने का एक कारण जेनेटिकल भी हो सकता है, जिसमें परिवार में पहले से कैंसर के मरीज होते हैं। मानसिक तनाव और चिंता भी कैंसर को बढ़ावा देती है। धूम्रपान और शराब का सेवन अधिक मात्रा में किया जाए, तो भी इंसान को हर प्रकार के कैंसर के होने का जोखिम रहता है।
क्या हैं इस कैंसर के शुरुआती संकेत
मेयो क्लिनिक के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर डेरेक एबनर ने बताते हैं कि 50 साल से कम उम्र के वयस्कों में कोलोरेक्टल कैंसर के मामले ज्यादा बढ़ रहे हैं, ऐसे में इसके संकेतों को कभी भी नजरअंदाज न करें।
- पेट में दर्द या सूजन लगातार बनी रहना।
- शौच में अचानक बदलाव महसूस करना जैसे दस्त या कब्ज और पेशाब में खून आना।
- थकावट या कमजोरी महसूस करना, जो सामान्य नहीं है।
- भूख में कमी और वजन घटना।
- शरीर में आयरन और खून की कमी होना।
- पेट फूलना और ऐंठन की समस्या होना।
- अब्नोर्मल डिस्चार्ज की समस्या।
कोलन कैंसर से बचाव के कुछ उपाय
- आप अपनी डाइट पर पूरा ध्यान दें, सही और संतुलित आहार खाएं, जिसमें फाइबर और पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हों।
- प्रोसेस्ड मीट्स और रेड मीट्स का सेवन कम से कम करें।
- शुगर से बनी ड्रिंक्स जैसे पैक्ड जूस, सोडा, फ्लेवर्ड वाटर आदि से परहेज करें।
- ब्लैक टी, ग्रीन टी और हर्बल टी का सेवन करें।
- लहसुन, अदरक और कच्ची हल्दी का सेवन बढ़ाएं।
- अगर कोई लक्षण दिखाई दे तो उन्हें नजरअंदाज करने से बचें।
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