Breast Cancer Awareness Month: स्तन का कैंसर तब होता है जब स्तन के टिशूज पर कैंसर की सेल्स बढ़ने लगती हैं. सिर्फ महिलाओं को ही ब्रेस्ट कैंसर नहीं होता है बल्कि पुरुष भी इस कैंसर के शिकार हो सकते हैं. ब्रेस्ट टिशूज सभी में होते हैं इसीलिए ब्रेस्ट कैंसर की जानकारी महिलाओं को ही नहीं बल्कि पुरुषों को होना भी जरूरी है. ब्रेस्ट कैंसर का खतरा किन्हें ज्यादा होता है, यह कैंसर किस तरह पनपता है, इस कैंसर के क्या लक्षण (Breast Cancer Signs) हैं और इस कैंसर से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जानिए यहां.
स्तन कैंसर के लक्षण | Breast Cancer Symptoms
- ब्रेस्ट कैंसर होने पर स्तन पर गांठ नजर आने लगती है. स्किन का यह हिस्सा स्तन की बाकी स्किन से अलग महसूस होता है और छूने पर भी अलग लगता है.
- स्तन की त्वचा का रंग बदलने लगता है. जिन लोगों की स्किन सफेद नजर आती है उनके स्तनों का रंग गुलाबी या लाल दिख सकता है, वहीं जिन लोगों की ब्राउन स्किन है उनके स्तन गहरे रंग के नजर आ सकते हैं जैसे गहरे लाल या बैंगनी.
- निपल्स (Nipples) पिचके हुए नजर आते हैं और पीछे की तरफ मुड़े हुए दिखते हैं.
- स्तन के आकार में फर्क नजर आता है. स्तन छोटे या बड़े नजर आ सकते हैं और दिखने में पहले से अलग दिख सकते हैं.
- स्किन उतरने लगती है, स्किन के फ्लेक्स नजर आने लगते हैं और पपड़ी सी छूटती है सो अलग.
- स्किन इस तरह की दिख सकती है जैसे संतरे का छिलका नजर आता है यानी स्किन पर टेक्सचर नजर आने लगता है.
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स्तन कैंसर होने के क्या कारण हैं (Breast Cancer Causes)
स्तन का कैंसर होने की एकदम सटीक वजह क्या है यह नहीं कहा जा सकता लेकिन जीवनशैली और रोजमर्रा की आदतों के चलते ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है. स्तन का कैंसर तब होता है जब कैंसर टिशूज के अंदर का DNA बदलने लगता है. कैंसर सेल्स (Cancer Cells) में DNA शरीर को अलग इंस्ट्रक्शंस देता है जिससे कैंसर के सेल्स तेजी से बढ़ने लगते हैं. इन कैंसर सेल्स के कारण ट्यूमर बनने लगता है जो बढ़कर शरीर के हेल्दी बॉडी टिशूज को खत्म करने लगता है. जब यह कैंसर फैलने लगता है तो इसे मेटास्टेटिक कैंसर कहते हैं.
स्तन कैंसर के रिस्क फैक्टर्स क्या हैं ( Breast Cancer Risk Factors)
- महिलाओं को स्तन कैंसर होने की संभावना पुरुषों से ज्यादा होती है.
- परिवार में अगर किसी को पहले स्तन कैंसर हुआ हो.
- अगर खुद को पहले कभी स्तन कैंसर हुआ हो तो दोबारा होने की संभावना हो सकती है.
- जिन लड़कियों में पीरियड्स 12 साल की उम्र से पहले शुरू होते हैं उन्हें स्तन कैंसर होने का खतरा रहता है.
- अगर मेनोपोज 55 साल की उम्र के बाद शुरू हो तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा रहता है.
- स्तन फैटी टिशूज या डेंस टिशूज से बने होते हैं जिनमें डेंस टिशूज मिल्क ग्लैंड्स, मिल्क डक्ट्स और फाइब्रस टिशूज ms बने हैं. डैंस टिशूज वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है.
- एल्कोहल का सेवन ब्रेस्ट कैंसर होने के खतरों में शामिल है.
- अगर ज्यादा उम्र बीत जाने के बाद पहला बच्चा होता है तो इसके कारण ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है.
- ब्रेस्ट कैंसर के रिस्क फैक्टर्स में मोटापा भी शामिल है.
- अगर ब्रेस्ट के आस-पास बचपन में या बड़े होकर किसी तरह का रेडिएशन ट्रीटमेंट हुआ हो तो ब्रेस्ट कैंसर होने की गुंजाइश रहती है.
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव ( Breast Cancer Prevention)
- नियमित तौर पर ब्रेस्ट स्क्रीनिंग करवाते रहें.
- स्तन को खुद से जांचना सीखें. देखें कि स्तन पर किसी तरह की गांठ तो नहीं बन रही है या फिर कोई लंप (Lumps On Breast) या टिशू बढ़ने तो नहीं लगा है.
- एल्कोहल का सीमित मात्रा में सेवन करना जरूरी है.
- सेहत सुनिश्चित रहे इसके लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें.
- हेल्दी वेट मैनेज करने पर ध्यान दें.
क्या ब्रेस्ट कैंसर में स्तन काटना पड़ता है (Is It Necessary To Remove Breasts In Breast Cancer)
ब्रेस्ट कैंसर का शुरुआत में ही पता लगा लिया जाए तो स्तन काटने की जरूरत नहीं पड़ती है. ट्यूमर को हटाने के लिए कितना हिस्सा हटाया जाएया यह ट्यूमर के साइज, स्टेज और टाइप पर निर्भर करता है.
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