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हेल्थ

महिलाओं में बढ़ते मोटापे और चिड़चिड़ेपन की वजह थायरॉइड, इन संकेतों को न करें इग्नोर

Thyroid Causes: थायरॉइड महिलाओं को होने वाली एक आम समस्या बन चुकी है। क्या इसका इलाज करने के लिए सिर्फ मॉडर्न मेडिकल ट्रीटमेंट फायदेमंद होता है? आइए जानते हैं इस पर एक्सपर्ट की राय।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Jun 11, 2025 08:00

Thyroid Causes: आज की तेज रफ्तार और तनावपूर्ण लाइफस्टाइल में महिलाएं अक्सर अपनी सेहत का ख्याल रखने में पीछे रह जाती है। ऐसे में कई बार उनके शरीर में कुछ ऐसी बीमारियां हो जाती है, जो समय के साथ गंभीर रूप ले लेती है। खासकर थायरॉइड जैसी समस्याएं, जो शुरू में मामूली लक्षणों के साथ नजर आती है, जैसे थकान, मूड स्विंग्स, वजन में बदलाव या अनियमित पीरियड्स। अक्सर इन्हें सामान्य हार्मोनल चेंज या उम्र से जोड़कर इग्नोर किया जाता है। लेकिन क्या महिलाएं जानती हैं कि यहीं उनसे सबसे बड़ी चूक हो जाती है। एक्सपर्ट की मानें तो थायरॉइड महिलाओं की एक साइलेंट किलिंग डिजीज है, जिसका समय रहता पता चल जाना बहुत जरूरी है।

क्यों महिलाओं को ज्यादा होती है यह बीमारी?

डॉक्टर मुकेश बत्रा जो डॉ. बत्रा’ज हेल्थकेयर के संस्थापक और चेयरमैन एमेरिटस हैं, बताते हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं थायरॉइड डिस्ऑर्डर्स की शिकार 8 गुना ज्यादा होती हैं। इसका कारण है जीवन के विभिन्न उम्र के पड़ावों में होने वाले हार्मोनल चेंज, युवास्था, गर्भावस्था और मेनोपॉज। इसके अलावा, ऑटोइम्यून डिजीज जैसे हाशिमोटो थायरॉइडिटिस और ग्रेव्स डिजीज भी महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है। इन गड़बड़ियों के कारण कई बार महिलाएं ज्यादा इमोशनल, बाल झड़ना, अनिद्रा और स्ट्रैस जैसी समस्याओं से जूझती हैं, जिन्हें कभी भी थायरॉइड से जोड़ा ही नहीं जाता है। ऐसे में यह रोग धीरे-धीरे बढ़ने लगता है।

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थायरॉइड के संकेत

  • थकान और कमजोरी महसूस करना।
  • बिना किसी कारण के वजन बढ़ना।
  • ठंडे वातावरण में भी ठंड लगना।
  • त्वचा और बालों में सूखापन होना।
  • मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन महसूस करना।
  • डिप्रेशन और चिड़चिड़ापन।
  • फोकस में कमी
  • पेट संबंधी समस्याएं जैसे कब्ज़ या पाचन संबंधी अन्य परेशानियां।

दवा के अलावा थायरॉइ़ड के लिए क्या जरूरी?

आधुनिक चिकित्सा पद्धति सिर्फ लक्षणों के नियंत्रण पर ध्यान देती है। मगर होम्योपैथी द्वारा बीमारी को जड़ से खत्म करने की कोशिश की जाती है। इस इलाज में न केवल हार्मोनल इंबैलेंस को संतुलित करने में मदद मिलती है बल्कि मानसिक तनाव और इम्यूनिटी भी बढ़ती है। थायरॉइड के लक्षणों को कम करने के लिए आपको संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तनाव कम करने के उपायों और पर्याप्त नींद भी लेनी चाहिए।

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कब जरूरी हैं जांच?

थायरॉइड एक ऐसी बीमारी है जो अगर समय पर पहचान ली जाए तो उससे बचा जा सकता है। मगर जिन महिलाओं के परिवार में थायरॉइड या ऑटोइम्यून बीमारियों की हिस्ट्री रही है या जो महिलाएं मां बनने की योजना बना रही हैं, उन्हें अपना थायरॉइड टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।

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First published on: Jun 11, 2025 08:00 AM

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