---विज्ञापन---

Third Gender Birth: किन्नर पैदा होने के पीछे क्या है मेडिकल साइंस? दोनों तरह के असली ट्रांसजेंडर कौन

Third Gender Birth: जब भी घर में बच्चा पैदा होता है तो हम किन्नर का घर में जोरदार स्वागत करते हैं। लेकिन इनके पैदा होने पर लोग खुशी से ज्यादा दुख मनाते हैं। चलिए जानते हैं किन्नर पैदा होने के पीछे क्या साइंस है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Aug 22, 2024 12:16
Share :
Third Gender birth
Third Gender birth

Third Gender Birth: हिजड़ा, किन्नर और युनक, इन नामों से मशहूर समाज में मौजूद तीसरे वर्ग को लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं। घर में किसी बच्चे का जन्म हो तो लोग उन्हें आशीर्वाद देने के लिए घर बुलाते हैं लेकिन इनके जन्म पर इनका परिवार दुख मनाता है। हालांकि, इनके जन्म को लेकर कई बातें लोगों में होती हैं पर कैसे इन शिशुओं का जन्म होता है क्या है इनके जन्म के पीछे का मेडिकल साइंस। जानिए इन सभी सवालों के जवाब

कैसे पैदा होता है किन्नर?

महिलाओं में  x-x क्रोमोजम्स मौजूद होते हैं और पुरुषों में x-y, इनके मिलन से भ्रूण बनता है। महिला का x और पुरुष का y क्रोमोजम मिलने से लड़का पैदा होता और दोनों के x मिलने पर लड़की का जन्म होता है। ऐसे में जो तीसरा जेंडर होता है, उनका जन्म क्रोमोजम डिसऑर्डर के चलते होता है। इसके लिए क्रोमोजम क्या है ये समझना जरूरी है।

ये भी पढ़ें- Mpox Virus को लेकर कितना तैयार है भारत? पाकिस्तान में केस कन्फर्म होने से मचा हड़कंप

क्रोमोजम क्या होते हैं?

ये अंडाशयों और स्पर्म में मौजूद होते हैं। शुक्राणु और अंडे के मेल से गर्भ में बच्चा यानि भ्रूण बनता है। इस कड़ी में किन्नर का जन्म कैसे होता है ये समझते हैं। मेडिकल साइंस के अनुसार ये मेटाबॉलिक डिसऑर्डर के चलते होता है। यह एक ऐसा जेनेटिक डिसऑर्डर है जिसके कारण क्रोमजम मिसिंग होने की समस्या होती है, इस डिसऑर्डर में पुरुष के पास y क्रोमोजम की दो एक्स्ट्रा कॉपियां होती हैं जिससे  xyyy क्रोमोजम का मिलन होता है, जो एक बर्थ डिफेक्ट कहलाता है और तीसरा जेंडर यानी किन्नर पैदा होता है। यह बच्चा जन्म लेते समय अस्पष्ट जननांग के साथ पैदा होता है।

third gender

third gender

कैसे होते हैं प्राइवेट पार्ट्स?

किन्नर बायोलॉजिकली मेल या फीमेल दोनों हो सकते हैं। अगर प्राइवेट पार्ट्स की बात करें तो ये दो लिंग यानी वजाइना और पेनिस के साथ भी जन्म ले सकते हैं। जिस शिशु के जननांग समझने में मुश्किल यानी मेल या फीमेल जैसे नहीं दिखते, उनको इंटरसेक्स नाम से जाना जाता है। इस कंडीशन में उनके पास ओवरी और टेस्टिस दोनों हो सकते हैं या फिर कुछ भी नहीं हो सकते। इसे साइंस की भाषा में pseudo-hermaphrodites कहा जाता है।

ट्रांसजेंडर कौन होते हैं?

ट्रांसजेंडर दो प्रकार  के हो सकते हैं,  मेल टू फीमेल, ऐसे लोग मेल बॉडी के साथ पैदा होते हैं लेकिन खुद को फीमेल मानते हैं, इन्हें महिलाओं की तरह रहना या उनके जैसे पहचाने जाना पसंद होता है। वहीं, फीमेल टू मेल यानी F2M में फिमेल जन्म लेती हैं लेकिन खुद को पुरुष जेंडर से जोड़ना व खुद को उनके जैसे ढ़ालना पसंद करती हैं।

 

ये भी पढ़ें- Liver Kidney को डिटॉक्स करती हैं सुबह की ये 5 आदतें, अपनाने से स्वस्थ रहेंगे ये अंग

 

HISTORY

Written By

News24 हिंदी

First published on: Aug 22, 2024 11:21 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें