TAVI Surgery: भारत में होने वाली सभी मौतों में से लगभग एक चौथाई (24.8%) दिल से जुड़ी बीमारियों (सीवीडी) के कारण होती हैं। एओर्टिक वाल्व स्टेनोसिस, बुढ़ापे में होने वाली एक गंभीर दिल की बीमारी है। यह सेहत से जुड़ा चिंता का एक महत्वपूर्ण कारण है। भारत में यह एडल्ट पॉपुलेशन में होने वाला वाल्व का तीसरा सबसे ज्यादा कॉमन बीमारी है, जो 7.3 % मामलों में देखने को मिलता है। ऐसा ही एक मामला 81 वर्षीय कमजोर व्यक्ति में देखा गया है, जिसके चलते उनकी टीएवीआई सर्जरी की गई है।
क्या है एओर्टिक स्टेनोसिस (Aortic Stenosis)
एओर्टिक वाल्व स्टेनोसिस बुजुर्गों में होने वाली एक बीमारी है, जिसका इलाज न होने पर मौत का खतरा ज्यादा होता है। इसमें उपचार एक एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट है, जो पहले केवल ओपन हार्ट सर्जरी द्वारा किया जाता था।
क्या है टीएवीआई (TAVI)?
इस नए प्रोसेस के दौरान पुराने डैमेज वाल्व को हटाए बिना एक नया वाल्व डाला जाता है। नया वाल्व खराब वाल्व के अंदर लगाया जाता है। सर्जरी को ट्रांसकैथेटर एओर्टिकवाल्व रिप्लेसमेंट (टीएवीआर) या ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इंमिलिकेशन (टीएवीआई) कहा जा सकता है। इस सर्जरी में रोगी में टीएवीआई सफलतापूर्वक किया जाता है और कुछ दिनों में रोगी ठीक होकर घर चला जाता है।
डॉ विवेक कुमार इस मुश्किल प्रोसेस को करने वाले भारत के टॉप हार्ट डिजीज एक्सपर्ट्स में से एक हैं। आइए जान लेते हैं कि क्या है ये नई टीएवीआई टेक्नोलॉजी और कैसे इसे सफल सर्जरी होती है, ऐसे ही कई सवालों के जवाब जान लेते हैं डॉ विवेक कुमार, एमडी, डीएम, एफएससीएआई, वरिष्ठ सलाहकार, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली (Dr. Vivek Kumar, MD, DM, FSCAI Senior Consultant Indraprastha Apollo Hospitals, New Delhi)।
यह कैसे काम करता है
कुछ हद तक आर्टरी में स्टेंट लगाने के समान, टीएवीआर एक कैथेटर के जरिए वाल्व साइट पर एक पूरी तरह से रिप्लेसमेंट वाल्व प्रदान करता है। एक बार जब नया वाल्व फैला दिया जाता है, तो यह पुराने वाल्व शीट को रास्ते से हटा देता है और रिप्लेसमेंट वाल्व में टिश्यू ब्लड फ्लो को मैनेज करने का काम संभाल लेता है। ग्रोइन (शरीर का वह भाग है जहां पेट पैरों से मिलता है) या छाती में ब्लड वेसल्स में एक कैथेटर डालकर इस प्रोसेस को करते हैं।
ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (TAVI) गंभीर एओर्टिक स्टेनोसिस वाले मरीजों में आर्टरी वाल्व को बदलने के लिए एक न्यू प्रोसेस है। ओपन-हार्ट सर्जरी के बजाय, टीएवीआर/टीएवीआई में पैर या छाती में आर्टरी के माध्यम से कैथेटर को पिरोना और इसे दिल तक आगे बढ़ाना शामिल है। फिर मौजूदा, डैमेज वाल्व पर एक नया वाल्व लगाया जाता है, जिससे ब्लड फ्लो और काम आसान हो जाता है।
टीएवीआई की सिफारिश आम तौर पर उन मरीजों के लिए की जाती है, जो बढ़ती उम्र, कमजोरी या कई बीमारियों जैसे फैक्टर के कारण ओपन-हार्ट सर्जरी से ज्यादा कॉम्प्लिकेशन है। ओपन-हार्ट सर्जरी की तुलना में यह प्रोसेस कम जोखिम और कम रिकवरी समय से जुड़ी है।
मरीज रिकवरी में कितना समय लेता है?
इस सर्जरी के बाद मरीज 2-3 दिन में घर जा सकता है। मरीज को पूरी तरह ठीक होने में 6 से 8 हफ्ते का समय लगता है, लेकिन फिर भी उसे डॉक्टर की निगरानी में रहना होता है। वहीं, टीएवीआई मेथड के जरिए सर्जरी करने में सिर्फ 45 मिनट का समय लगता है। सर्जरी होने के चार घंटे बाद मरीज को घर भी भेज दिया जाता है, क्योंकि इस तकनीक के जरिए मरीज के शरीर को किसी भी तरह से कट नहीं लगाया जाता है।
ये भी पढ़ें- हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल करेंगे ये 3 योग, बस इन्हें करने का सही तरीका जान लें
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।
Edited By