Solanine Poisoning: ज्यादातर घरों के किचन में आलू आमतौर पर मिलता है। आलू की सब्जी कई तरह से बनाई जाती है। किचन में आलू वो सामग्री है जब पकाने के लिए कुछ ना हो तो इसे ही अलग अलग तरह से पका लिया जाता है। आलू को काफी दिन तक स्टोर करके रखा जा सकता है। यही आलू कई बार हरे हो जाते हैं, जो आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह साबित होते हैं। ऐसे ही आलू पकाकर खाने से एक महिला की जान पर बन आई। आखिर ये आलू हरे क्यों हो जाते हैं, और किस हद तक ये सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं?
आलू खाने से बिगड़ी हालत
किसी तरह से एलर्जिक लोगों के लिए कुछ चीजें खतरनाक साबित होती हैं। जैसे एलर्जिक लोगों को मूंगफली या मछली ना खाने की भी सलाह दी जाती है। कई मामलों में इनको खाने से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। ऐसे ही साधारण सा आलू आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। मारिया हार्लेस नाम की महिला को आलू खाने की इच्छा हुई, जिसके बाद उसने आलू बनाकर खा लिए। इसके कुछ देर बाद ही उसको तेज सिरदर्द, मतली, उल्टी और पेट में ऐंठन की समस्या होने लगी। अब वह दूसरों को आलू के खतरे के बारे में चेतावनी दे रही है।
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सोलनिन क्या होता है?
ज्यादा समय तक रखे हुए आलू, जिनको संभाल कर नहीं रखा गया हो। ज्यादा रोशनी या तापमान में रख दिया जाए, ऐसा आलू हरा होने लगता है। आलू में जो हरा भाग होता है वो सोलनिन होता है। इस तरह के आलू को खाने के लिए मना किया जाता है। क्योंकि कई बार ये जहर व्यक्ति की मौत का कारण बन सकता है। इसको खाने से दस्त, ऐंठन और सिरदर्द की समस्या हो जाती है।
इस तरह के आलू को खाने से 1979 में स्कूल कैफेटेरिया में 78 स्कूली बच्चे बीमार हो गए थे। 1899 में 56 जर्मन सैनिकों के साथ भी ऐसी ही समस्या हुई थी। 1925 में सात लोगों के एक परिवार को सोलनिन से जहर दिया गया था, जिसमें से 2 की मौत हो गई थी।
बचने का तरीका
विशेषज्ञों का सुझाव है कि किसी भी आलू को पकाने से पहले उसके हरे भागों को काट लें। इसके साथ ही हरे आलू के जमे हुए भाग को पूरी तरह से हटा दें, क्योंकि उनमें सोलनिन की मात्रा अधिक होती है। इससे भी बेहतर होता है कि अगर आलू हरा है, तो उसको बिल्कुल भी न पकाएं। जहां तक भंडारण की बात है, उन्हें सूरज की रोशनी से दूर किसी अंधेरी जगह पर रखना चाहिए।
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