Alzheimer Symptoms: सैयारा पिछले शुक्रवार को रीलिज हुई थी, जिसके बाद से अबतक बॉक्स ऑफिस पर यह मूवी तहलका मचा रही है। मोहित सुरी के निर्देशन में बनी यह फिल्म एक रोमांटिक स्टोरी है। इसमें अहान पांडे और अनीत पड्डा ने जबरदस्त एक्टिंग कर बॉलीवुड में अपने डेब्यू को स्पेशल बनाया है। फिल्म में अनीत पड्डा, जो वाणी बत्रा का कैरेक्टर प्ले कर रही हैं, उन्हें अल्जाइमर था। यह बीमारी डिमेंशिया जैसी होती है, जिसमें मरीज चीजें, बातें, नाम और लोगों को भी भूलने लगता है। हालांकि, यह बीमारी बुजुर्गों को होती थी, मगर अब युवाओं को भी ये होने लगी है। आइए जानते हैं अल्जाइमर के बारे में जरूरी बातें।
अल्जाइमर क्या है?
यह एक न्यूरो रिलेटेड डिजीज होती है। डिमेंशिया की तरह इसमें भी मरीज को भूलने की बीमारी हो जाती है। इस बीमारी का अब तक कोई भी स्थाई इलाज मौजूद नहीं है। इसे सिर्फ दवाओं और लाइफस्टाइल में बदलाव करने से नियंत्रित किया जा सकता है। फिल्म में वाणी को बीमारी के प्रभाव से बचाने के लिए सेम डे, सेम टाइम वाला लाइफस्टाइल फॉर्मूला दिया गया था। इसमें वह रोजाना एक समय पर जागती थी, एक ही समय पर नाश्ता, लंच और बाकी जरूरी कामों को करती थी, ताकि उसे चीजों को भूलने से बचाया जा सके।
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युवाओं में क्यों हो रही है बीमारी?
अल्जाइमर की बीमारी युवाओं की नहीं, बुजुर्गों की मानी जाती थी, जिसमें 60 वर्ष से अधिक की आयु के लोगों को हुआ करती थी। अब ये बीमारी युवाओं में भी देखी जाने लगी है। दुनिया में पहले कम आयु वाला अल्जाइमर मरीज चीन में मिला था। उसे 17 साल की उम्र में ही यह बीमारी हो गई थी, जिसके बाद 2 सालों तक उसका ट्रीटमेंट हुआ। फिलहाल, वह स्वस्थ है लेकिन बीमारी रिवर्स नहीं हो सकी है।
बीमारी का कारण क्या है?
लाइफस्टाइल फैक्टर्स में नींद पूरी न होना, स्ट्रेस या डिप्रेशन में रहना और सही डाइट न लेने की वजह से शरीर में पोषक तत्वों की कम से यह बीमारी हो सकती है। फिल्म में वाणी को क्रोनिक स्ट्रैस था, जिसमें वह अपने साथ हुए एक बुरे हादसे को भुलाने की कोशिश करती हैं, मगर असमर्थ होती है। इसमें पहले डिमेंशिया होता है उसके बाद धीरे-धीरे अल्जाइमर होता है। कम उम्र के डायबिटीज के मरीजों को भी यह बीमारी होती है।
अल्जाइमर सोसायटी की रिपोर्ट के मुताबिक, लंबे समय तक तनाव में रहने से यह बीमारी होती है। इससे शरीर में कोर्टिसोल नामक हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जो पहले डिमेंशिया का कारण बनता है, जिसमें मरीज पहले छोटी-मोटी चीजें भूलता है, जैसे कि फोन रखकर भूलना, ब्रश करना भूल जाना या फिर 2-3 दिन पहले की बात को भूल जाना।
एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
अपोलो अस्पताल के डॉक्टर सुधीर त्यागी बताते हैं कि अल्जाइमर होने की एक प्रमुख वजह फैमिली हिस्ट्री भी है। माता-पिता में से कोई एक पीड़ित है, तो उसे भी यह बीमारी हो सकती है और कम उम्र में पीड़ित कर सकती है। इसके अलावा, युवाओं में अल्जाइमर होने की एक वजह बहुत ज्यादा ब्लू रेज स्क्रीन के संपर्क में रहने से भी हो रही है। हालांकि, एक्सपर्ट बताते हैं कि कम उम्र में अल्जाइमर का आंकड़ा 5 से 10% है, इसलिए यह दुर्लभ बीमारी है।
अल्जाइमर के संकेत
- सोचने-समझने की क्षमता खोना।
- भूलने की बीमारी- इसमें मरीज को नाम, घर का पता, तारीख, लोग और रोजमर्रा के कामों को भूलने जैसे लक्षण दिखते हैं।
- फोकस करने में दिक्कत होना।
- डिसीजन पॉवर का कम होना।
- भाषा सीखने या बोलने में परेशानी।
- स्वभाव में बदलाव होना।
क्या है उपचार?
इस बीमारी का सही निदान या उपचार नहीं है। इसे रिवर्स करने के लिए अभी भी स्टडी की जा रही है, जबकि बीमारी को नियंत्रण करने के लिए दवाएं दी जाती है।
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