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डिप्रेशन और चिंता को दूर करने के लिए सुबह जरूर करें रनिंग, दिमाग भी होगा तेज

Running Reduces Stress: दौड़ना एक बेहतर एक्सरसाइज है, जिसे रोज करना फायदेमंद माना जाता है। यह शरीर के साथ-साथ दिमाग में भी सुधार करता है और तनाव भी कम करता है।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Oct 25, 2023 07:11
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Image Credit: Freepik

Running Reduces Stress: सबके मन में यही विचार होता है कि दौड़ने से केवल शारीरिक कसरत होती है। एक्सपर्ट की मानें तो दौड़ लगाने से मेंटल लेवल पर भी अच्छा बदलाव होता है।

शरीर में मौजूद अतिरिक फैट को कम करने का इससे बेहतर ऑप्शन और नहीं है। लेकिन बहुत कम ही लोग इस पर भरोसा करते हैं कि प्रतिदिन दौड़ लगाने से न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक स्तर पर भी सकारात्मक असर होता है। वास्तव में दौड़ने से मेंटल स्ट्रेस को काफी हद तक कम किया जा सकता है और कई अन्य एरोबिक एक्सरसाइज की तरह से दौड़ना भी मानसिक तनाव को कम करने के लिए कारगर माना जाता है। मैदानों में ट्रायल में दौड़ने को चिंता और डिप्रेशन में कमी के साथ जोड़ा गया है। डिप्रेशन और चिंता से पीडित लोगों के लिए उपचार के दौड़ के बाद खुश, संतुष्ट और अन्य तरीकों के साथ-साथ दौड़ने की भी सिफारिश की जाती है।

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न्यूरोकेमिकल आधार

अगर हम अपनी जीवनशैली में दौड़ को शामिल करते हैं तो इससे एड्रेनालाइन और कोर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन कम होते हैं। दौड़ने से एंडोर्फिन (तनाव और दर्द को दूर करने के लिए शरीर द्वारा पैदा किया हुआ एक केमिकल है) का साथ भी होता है, जो शरीर की नेचुरल दर्द निवारक और मनोदशा बढ़ाने वाली एक दवा है। दिमाग में एंडोर्फिन का धावक की भावना’ से जुड़ा होता है, जिसे अक्सर रनरों द्वारा दौड़ने के बाद महसूस किया जाता है। इससे रनर दौड़ के बाद खुश, संतुष्ट और तनावमुक्त महसूस करते हैं।

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प्रैक्टिकल के आधार

आहार में संशोधन के साथ-साथ दौड़ना हेल्दी लाइफस्टाइल के कंपोनेंट्स में से एक है। दौड़ने से भूख नहीं बढ़ती जबकि देखा जाए तो दौड़ने से भूख बढ़ती है, जिसके परिणामस्वरूप खाने पर कंट्रोल होता है। दोड़ने का संबंध वजन घटाने, कमर पर जमी फैट को कम करने और बेहतर शरीर से भी है। दौड़ लगाने से जो आत्मविश्वास जगता है, उससे सभी रनर के मन में पॉजिटिव ऊर्जा का संचार होता है।

सामाजिक मेल-जोल

दौड़ना ज्यादातर एक शहरी गतिविधि है। कई ग्रुप के साथ मैराथन कार्यक्रम भी होते हैं, जो एक धापक को साथी के साथ बातचीत करने का अवसर देते हैं। सामाजिक गतिविधियों का तनाव निवारक असर होता है। दूसरो के विचार साझा करने और बातचीत करने से भी चिंताएं कम होती हैं। इसलिए अगर आप दौड़ नहीं लगाते हैं तो अब इसे अपनी दिनचर्या में हिस्सा जरूर बनाएं।

Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।

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Written By

Deepti Sharma

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Deepti Sharma

First published on: Oct 24, 2023 05:32 PM

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