Cancer Symptoms: कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जो दुनियाभर में कई लोगों को प्रभावित कर रही है। यह रोग होने से पहले ही शरीर में कुछ लक्षणों को दिखाने लगता है, जिसकी मदद से कैंसर की पुष्टि करने में आसानी हो सके। मगर कभी-कभी कैंसर के कुछ संकेत ऐसे होते हैं, जिन्हें अगर हम समय रहते समझ न पाए तो यह धीरे-धीरे इतना बढ़ सकता है कि निदान पाना मुश्किल हो सकता है। यह ऐसे सूक्ष्म लक्षण होते हैं, जिन्हें शायद लोग आम समस्या समझते हैं या बीमारी से संबंधित नहीं मानते हैं। ओहायो की एक महिला के अंगूठे में कैंसर का सेल पनप रहा था। आपको जानकर हैरानी होगी कि उसे इस बारे में कैसे पता चला। दरअसल, महिला के अंगूठे में नीले रंग की 2 धारियां दिखाई दे रही थीं, जिसको उन्होंने काफी समय तक इग्नोर किया लेकिन ध्यान देने पर और जांच करवाने के बाद यह जानकर उनके होश ही उड़ गए कि वे लाइनें कुछ और नहीं बल्कि कैंसर का संकेत थी। आइए जानते हैं इस बारे में सब कुछ।
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कैसे पता लगा कैंसर?
Cancer के बारे में महिला को तब पता चला जब वह अस्पताल पहुंची। दरअसल, जब भी नाखूनों के संकेतों की बात आती है, तो हमेशा यह माना जाता है कि यह लिवर, किडनी या खून से संबंधित रोगों के बारे में ही बताता है, कैंसर का नाखून में होना बिल्कुल भी विश्वास करने जैसी स्थिति नहीं थी। यूएस के सिटी ओहायो बेस्ड 58 वर्ष की टैग्लियामोंटे हर महीने अपने हाथों का मैनिक्योर करवाने जाती थी। साल 2024 के अक्टूबर में उन्होंने नाखून पर इस निशान को देखा और इंतजार किया कि क्या यह नीले रंग के निशान अगले महीने भी उनके अंगूठे में दिख रहा है या नहीं। अगले महीने भी उनके अंगूठे पर ऐसी धारियां दिखाई दे रही थी, जिसके बाद उन्होंने जांच करवाई।
जीरो स्टेज कैंसर
टैग्लियामोंटे को दाहिने हाथ के अंगूठे में कैंसर हुआ था। दरअसल, उनके नाखून के अंदरूनी हिस्से में मेलेनोमा हुआ था। मेलेनोमा जीरो स्टेज कैंसर होता है। स्टेज जीरो मेलेनोमा, जिसे मेलेनोमा इन सिटू के नाम से भी जाना जाता है, इसका मतलब है कि कैंसर सेल्स एपिडर्मिस (Epidermis) तक ही सीमित हैं और अभी तक स्किन की गहरी परतों में प्रवेश नहीं कर पाई है, यानी इसमें बचाव की संभावना ज्यादा रहती है। कुछ हेल्थ रिपोर्ट्स बताती हैं कि साल 2023 में लगभग 89,000 लोगों में स्टेज जीरो मेलेनोमा का निदान किया गया था। इस स्टेज के कैंसर का सर्वाइवल रेट भी 98% तक रहता है।
कैसे हुआ था इलाज
टैग्लियामोंटे को अंगूठे की सर्जरी करवानी पड़ी थी, जो पूरे 4 घंटे चली थी। इसमें डॉक्टरों की पूरी टीम शामिल थी, जिनमें 2 प्रमुख थे। एक डॉक्टर ने नाखून को हटाया, तो दूसरे जो स्किन स्पेशलिस्ट थे, उन्होंने त्वचा के ऊपरी हिस्सों को निकाला ताकि कैंसर के सेल को पूरी तरह नष्ट किया जा सके। हालांकि, इस सर्जरी के बाद टैग्लियामोंटे की लाइफ काफी बदल गई थी क्योंकि बिना नाखून वाले अंगूठे से रोजमर्रा के कामों को करने में उन्हें काफी मुश्किलें हो रही थी।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।