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मां बनने के बाद दूध क्यों कम आ रहा है? डॉक्टर ने बताई वजह, इस आसान तरीके से दूर होगी समस्या

Breastfeeding Tips: मां बनने के बाद बच्चे की देखभाल ही महिला की प्राथमिकता होती है। लेकिन कई बार नई मांओं को सबसे बड़ी चिंता इस बात की होती है कि उनका शरीर पर्याप्त दूध नहीं बना पा रहा है। यह समस्या सामान्य है और ज्यादातर महिलाओं को प्रभावित करती है। चलिए डॉक्टर से जानते हैं इसका कारण और सही उपाय।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Aug 29, 2025 09:59

Breastfeeding Tips: अक्सर महिलाएं डिलीवरी के बाद इस परेशानी से गुजरती हैं कि उनके बच्चे को पर्याप्त दूध नहीं मिल पा रहा है। दरअसल, पिछले कुछ सालों से मेडिकल रिपोर्ट्स में पाया गया है कि नई मांओं के शरीर में पर्याप्त दूध नहीं बन पाता, जिस वजह से शिशुओं को सॉल्यूशन मिल्क देना पड़ रहा है। सॉल्यूशन मिल्क बहुत महंगा होता है, जिस वजह से हर कोई उसे नहीं खरीद पाता है। आखिर क्यों महिलाओं के शरीर में दूध नहीं बन पाता है, इस बारे में डॉ. बिंदु शर्मा क्या कहती हैं, आइए जानते हैं विस्तार से।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

डॉ. बात्रा’ज हेल्थकेयर की निदेशक, डॉ. बिंदु शर्मा बताती हैं कि यह स्थिति आजकल बहुत सामान्य हो गई है। ये दरअसल, लोगों की अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से हो रहा है, जो महिलाएं ड्यूरिंग प्रेग्नेंसी सही डाइट पर ध्यान नहीं देती है, उनके साथ ऐसा ज्यादा होता है। हालांकि, डॉक्टर ये भी कहती हैं कि ऐसे में घबराने की बजाय वजह को समझना और सही कदम उठाना जरूरी है।

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आंकड़ों में सामने आई ये बात

स्तनपान हर शिशु के लिए बेहद जरूरी है। यह बच्चे के लिए सिर्फ खाना नहीं है बल्कि उनकी इम्यूनिटी को बढ़ाने और सही विकास करना है। मां के दूध में पोषक तत्वों के साथ-साथ ऐसे तत्व होते हैं, जो बच्चे की सेहत और इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं। डॉक्टर कहती हैं कि एक सर्वे के अनुसार, भारत में 70% से ज्यादा मांओं को स्तनपान करना मुश्किल लगता है। फिर भी वे अपने बच्चे को कम से कम एक साल तक दूध पिलाना जारी रखती हैं। ये 1 साल का समय भी कठिन होता है।

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दूध कम होने की क्या वजहें हैं?

  • डिलीवरी के बाद थकान और तनाव होना।
  • प्रेग्नेंसी पीरियड के दौरान चिंता या उदासी में रहना।
  • बच्चे का सही तरीके से दूध न पीना, इससे मां के दूध के उत्पादन में भी समस्या आती है।
  • अनियमित तरीके से बच्चे को दूध पिलाना।
  • खान-पान का सही न होना, गर्भावस्था के दौरान या स्तनपान के समय पौष्टिक खाना न खाना।
  • किसी बीमारी जैसे डायबिटीज या बीपी की समस्या में भी दूध के उत्पादन में समस्या हो सकती है।

होम्योपैथी दूध बढ़ाने का प्राकृतिक तरीका

दरअसल, ऐसी मांओं का इलाज सिर्फ दवाओं से नहीं बल्कि भावनात्मक रूप से भी करना जरूरी होता है। होम्योपैथी में इस्तेमाल होने वाली दवाएं प्राकृतिक और हल्की होती हैं, इसलिए ये बिना किसी नुकसान के असर करती हैं।

ये होंगे फायदे

  • होम्योपैथी दवा की मदद से दूध की गुणवत्ता और मात्रा दोनों बढ़ती हैं।
  • मां और बच्चे दोनों के लिए सुरक्षित होती है।
  • दवा लेने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।

दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कुछ घरेलू उपाय

  • अरंडी के बीज खाएं।
  • खाली पेट भिगोई हुई मेथी दाने खाएं और पानी पिएं।
  • सौंफ का सेवन करें।
  • मसूर की दाल खाएं।
  • जीरा और गुड़ साथ खाएं।
  • ओट्स खा सकते हैं।
  • तिल खा सकते हैं।
  • इसके अलावा, स्ट्रेस कम करने के लिए योग और मेडिटेशन का सहारा लें और नींद जरूर पूरी करें।

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First published on: Aug 29, 2025 09:59 AM

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