Migraine: आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में सिरदर्द होना एक आम बात है। ज्यादातर लोगों में हम सभी माइग्रेन की समस्या काफी देखते हैं। ये एक आम सिरदर्द से कहीं ज्यादा होता है। माइग्रेन में आमतौर पर दर्दनाक सिरदर्द के अलावा सिर के एक तरफ, तो कभी-कभी दोनों तरफ दर्द होता है। अध्ययनों के अनुसार पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में माइग्रेन होने के चांस अधिक होते हैं। माइग्रेन महिलाओं को कई तरह से प्रभावित करता है, लेकिन ऐसा क्यों? आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
माइग्रेन क्या है?
“माइग्रेन” एक तरह से काफी तेज सिरदर्द है और जब ये होता है तो हमें घबराहट, उल्टी या बैचेनी सी महसूस होती है।कुछ मामलों में कई लोगों को सिरदर्द बस एक तरफ महसूस होता है। देखा जाए तो माइग्रेन की प्रॉब्लम युवाओं में देखने को मिलती है। आमतौर पर 35 से 45 साल के लोगों में माइग्रेन काफी ज्यादा देखने को मिलता है।
माइग्रेन का पता कैसे लगाए?
अगर (WHO) की रिपोर्ट देखे तो उनके मुताबिक यह समस्या महिलाओं में काफी ज्यादा देखी जाती है। एक आम सिरदर्द और माइग्रेन दोनों में काफी अंतर होता है। नॉर्मल सिरदर्द और माइग्रेन दोनों ही अलग हैं और इसकी पहचान ‘ऑरा’ से होती है यानी की हमारी आखों से पता लगता है। माइग्रेन होने वाले मरिजों को रंग बिरंगी रोशनी और लाइन दिखाई देती है।
माइग्रेन के लक्षण (Symptoms of Migraine)
- आखों के सामने काला सा दिखना
- स्किन में कुछ अजीब सा महसूस करना
- कमजोरी महसूस करना
- अधिक गुस्सा आना
- चिड़चिड़ा होना
- आधे सिर से लेकर आखों तक दर्द होना
- विजुअल डिस्टरबेंस
- चक्कर आना
- वोमिटिंग होना
- लो ब्लड प्रेशर
- गर्दन में अकड़न होना
माइग्रेन में जेंडर अंतर क्यों है?
माइग्रेन में महिलाओं और पुरुषों में अंतर होने के कई कारण हैं जैसे हार्मोन, जेनेटिक्स, एक्टिवेशन या डीएक्टिवेशन और पर्यावरण से भी जुड़े होते हैं। कई शोधकर्ताओं ने माइग्रेन होने और उसके बीच जेंडर अंतर पर काम किया है। एक यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के अध्ययन में बताया गया कि माइग्रेन महिलाओं में सेक्स हार्मोन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पीरियड के साइक्लिक पैटर्न, गर्भावस्था के दौरान होने वाले चेंजेस और मासिक धर्म का रुकना आदि शामिल हैं, जिनके कारण महिलाएं खुदको सेफ महसूस नहीं कर पाती हैं।
माइग्रेन के दर्द को कैसे कम करें
- फल और हरी सब्जियां खूब खाएं।
- अपने को हाइड्रेट रखें।
- चाय, या कॉफी का सेवन कम से कम करें।
- मसालेदार खाना न खाएं।
- रोजाना सुबह शाम टहलें।
- तनाव बिलकुल न लें।
इन सबके अलावा खुद को तनाव मुक्त रखें, जिससे हार्मोन बैलेंस में रहेगा और माइग्रेन की समस्या कम हो सकेगी। रोजाना 10 मिनट मेडिटेशन करने के साथ योग भी जरूर करें। माइग्रेन मरीजों के लिए साइकिल चलाना लाभकारी होता है, इसलिए अपने लाइफस्टाइल में इसे शामिल कर सकते हैं।
Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।
Edited By
Edited By