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दिन में कितनी बार पेशाब करते हैं आप? डॉक्टर ने बताया किडनी की बीमारी का बड़ा कारण

Kidney Disease Symptoms: किडनी हमारे शरीर से टॉक्सिन्स को फ्लश करने का काम करती है। इस अंग में किसी प्रकार की बीमारी होती है, तो हमारा शरीर कुछ संकेत देता है, जैसे की पेशाब करने की फ्रीक्वेंसी। चलिए जानते हैं इस बारे में एक्सपर्ट से।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Jul 10, 2025 11:12

Kidney Disease Symptoms: क्या कभी आपने इस बारे में ध्यान दिया है कि आप दिन में कितनी बार पेशाब करते हैं? अगर नहीं तो अभी से इस बारे में ध्यान देना शुरू कर दें। इससे किडनी की बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। जी हां, किडनी की बीमारियों के बारे में पता लगाने का सबसे आसान तरीका है अपने यूरिन एक्टिविटी को समझना। हमारी किडनी सही से काम कर रही है या नहीं, इससे शरीर के टॉक्सिन्स फिल्टर हो रहे हैं या नहीं, ये सभी बातें यूरिया और क्रिएटिनिन की जांच से पता चलता है। दरअसल, ये दोनों पदार्थ अगर शरीर में बढ़ जाए, तो इससे किडनी की बीमारी हो सकती है। आइए जानते हैं इस बारे में।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

पीसीआरआई अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर प्रशांत जैन बताते हैं कि क्रिएटिनिन और यूरिया, दोनों ऐसी चीजें हैं, जो किडनी की कार्यक्षमता को सबसे ज्यादा कमजोर बनाते हैं। यूरिया प्रोटीन के टूटने से बनता है और क्रिएटिनिन मांसपेशियों के टूटने से। इन दोनों का संबंध पेशाब और पानी से है। अगर हम कम पानी पीते हैं, तो उससे शरीर में क्रिएटिनिन और यूरिया बनता है। ऐसे में इंसान के पेशाब करने की आदत में थोड़ा परिवर्तन देखा जाता है।

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कैसे बढ़ता है यूरिया और क्रिएटिनिन?

यूरिया और क्रिएटिनिन हमारी रोजमर्रा की गतिविधियों से ही बनता या कम होता है। यूरिया आमतौर पर कम पानी पीने की वजह से होता है। एक दिन में एक इंसान को कम से कम 3 लीटर पानी पीना होता है। कोई 1 लीटर पानी पीता है, तो उसका यूरिया बढ़ता है और पेशाब में यूरिया रिलीज होता है। क्रिएटिनिन बढ़ने का कारण मांसपेशियां होती है। अधिकांश पतले लोगों का शरीर इस समस्या से गुजरता है क्योंकि पतले लोगों की मांसपेशियां टूटती है, इस कारण ही वे पतले भी होते हैं और क्रिएटिनिन भी बनाती है। क्रिएटिनिन बढ़ने की वजह डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल या हाई बीपी भी हो सकता है। कई बार किडनी डिजीज का कारण भी लाइफस्टाइल के ये फैक्टर्स शामिल होते हैं।

Kidney Health Tips

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पेशाब की सही फ्रीक्वेंसी क्या है?

डॉक्टर के मुताबिक, एक हेल्दी इंसान प्रतिदिन 800ml से 2000ml तक पेशाब करता है। इसमें एक दिन के अंदर इंसान को कम से कम 5 से 8 बार पेशाब जाना चाहिए। अगर कोई इससे कम पेशाब करता है, तो उसे जांच करवानी चाहिए। इसके अलावा, गाढ़े रंग का पेशाब आना या फिर बहुत ज्यादा पेशाब आना भी सही संकेत नहीं है।

कैसे लगाएं इस बारे में पता?

इसके लिए आपको जांच करवानी होगी। अगर आपका यूरिया रिपोर्ट में 7 से 20 mg/dL के बीच है तो इसका मतलब है कि दोनों किडनियां सही काम कर रही है। लेकिन अगर यह इस मापदंड से बढ़ा हुआ होता है तो मतलब किडनी में कुछ गड़बड़ी है। इस पर एक्सपर्ट कहते हैं कि किसी व्यक्ति की उम्र, डाइट, दवाओं और हेल्थ कंडीशन के अनुसार थोड़ा बहुत अलग हो सकते हैं, लेकिन अगर ब्लड यूरिया और क्रिएटिनिन का स्तर ज्यादा बढ़ा हुआ है, तो यह आपके यूरिन हैबिट्स पर बड़ा असर डालती है। यह किडनी की खराबी का संकेत भी होता है।

किस बीमारी का रिस्क?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इन दोनों के बढ़ने से CKD यानी क्रोनिक किडनी डिजीज का रिस्क बढ़ जाता है। ये किडनी की बीमारियों में होने वाली सबसे घातक बीमारी है। किडनी की इस बीमारी के संकेतों में बहुत जल्दी थक जाना, पेशाब का ज्यादा या बहुत कम होना, पैरों, टखनों या चेहरे पर सूजन, भूख कम लगना, उल्टी या मतली और हाथ-पैरों में खुजली होना है।

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First published on: Jul 10, 2025 11:12 AM

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