बदलती लाइफस्टाइल, खराब खान-पान की आदतें और तनाव के कारण पुरुषों की सेहत पर काफी असर पड़ रहा है। पुरुषों की सेहत में इंफर्टिलिटी की प्रॉब्लम हो सकती है। इंफर्टिलिटी पुरुषों में एक नई और आम समस्या बन चुकी है, जिसके कई कारण होते हैं। हमारी डाइट का भी इसमें अहम रोल रहता है। अगर डाइट न्यूट्रिएंट से भरपूर नहीं होगी, तो भी पुरुषों की सेहत पर असर पड़ सकता है। डाइट में विटामिन्स, प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और एंटीऑक्सिडेंट्स का होना बहुत जरूरी होता है। इस बारे में डॉक्टर पुनीत राणा अरोड़ा बता रही हैं कि डाइट में ये न्यूट्रिएंट क्यों हमारी बॉडी के लिए अहम होते हैं।
क्या बोले डॉक्टर?
गुरुग्राम के CIFAR आईवीएफ अस्पताल के डॉ. पुनीत राणा अरोड़ा बताती हैं कि सही डाइट ओवरऑल हेल्थ और पुरुषों समेत महिलाओं के लिए भी जरूरी होती है। इंफर्टिलिटी की समस्या का एक कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी होती है। पर्याप्त पोषण न होने से पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी लो हो जाती है और महिलाओं को गर्भधारण करने में भी समस्या होती है। आइए जानते हैं हर न्यूट्रिएंट का पुरुषों की प्रजनन शक्ति पर क्या असर पड़ता है।
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Nutrient का खास रोल
एंटीऑक्सिडेंट्स (Antioxidants)- एंटीऑक्सिडेंट्स की मदद से स्पर्म्स को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाया जा सकता है, जो स्पर्म के डीएनए को नुकसान पहुंचा सकता है और प्रजनन क्षमता को कम कर सकता है। विटामिन-C, विटामिन-E और सेलेनियम एंटीऑक्सिडेंट्स माने जाते हैं, जो संतरे, नट्स, बीज, हरी पत्तेदार सब्जियां और फोर्टिफाइड अनाजों में पाए जाते हैं। ये स्पर्म्स के डीएनए को टूटने से बचाने में मदद करते हैं।
जिंक (Zinc)- जिंक भी पुरुष प्रजनन क्षमता के लिए एक महत्वपूर्ण मिनरल होता है क्योंकि यह टेस्टोस्टेरोन प्रोडक्शन, स्पर्म क्वालिटी और ओवरऑल रिप्रोडक्टिव हेल्थ को भी सहायता प्रदान करता है।
फोलिक एसिड (Folic Acid)- फोलिक एसिड भी एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, क्योंकि यह स्पर्म काउंट और डीएनए सिंथेसिस के लिए आवश्यक है। अध्ययन बताते हैं कि जिन पुरुषों में फोलेट की कमी होती है, उनके स्पर्म काउंट में कमी होती है। इसके लिए आप हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां और फोर्टिफाइड अनाज खा सकते हैं।
ओमेगा-3 (Omega-3)- ओमेगा-3 फैटी एसिड भी स्पर्म मेंमब्रेन के लिए आवश्यक होते हैं और ये स्पर्म मोटिलिटी पर असर डालते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड्स फैटी मछली जैसे सैल्मन, फ्लैक्स सीड्स, अखरोट और चिया सीड्स में पाए जाते हैं। ओमेगा-3 की मदद से स्पर्म अपना कार्य सही ढंग से कर पाता है।
विटामिन-D (Vitamin-D)- विटामिन-D मेल रिप्रोडक्टिव हेल्थ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिन पुरुषों में विटामिन-D की कमी होती है, उन्हें लैस स्पर्म काउंट का सामना करना पड़ता है। विटामिन-D फोर्टिफाइड डेयरी प्रोडकट्स और विभिन्न फैटी मछलियों में पाया जाता है।
इसके अलावा, सही वजन बनाए रखना, ट्रांस फैट्स की मात्रा को सीमित करना और अत्यधिक शराब, धूम्रपान और तनाव से बचना भी प्रजनन क्षमता को बेहतर बना सकता है। प्रोसेस्ड फूड्स, चीनी और अनहेल्दी फैट्स से भरपूर खाना स्पर्म की क्वालिटी को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
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