हर महिला का सपना होता है स्टाइलिश दिखने का। इसके लिए अच्छे कपड़े, ब्रांडेड आइटम्स और खूबसूरत मेकअप की जरूरत होती है लेकिन इसके अलावा हाई हील्स भी फैशन का सबसे बड़ा हिस्सा होती हैं। कहते हैं हाई हील्स पहनने से न सिर्फ आप फैशनेबल दिखेंगी बल्कि इससे लड़कियों में गजब का कॉन्फिडेंस भी बिल्ड होता है। हालांकि, फैशन और स्टाइल तक तो सब ठीक है, लेकिन सेहत से खिलवाड़ गलत है। हाई हील्स कितनी भी अच्छी क्यों न हों, इसे पहनने वालों को इसके दुष्प्रभावों को झेलना ही पड़ता है। रोज हील्स पहनने से उनके पैरों, एड़ियों समेत कमर में दर्द हो सकता है। आइए जानते हैं इस पर डॉक्टर की राय।
High Heels पहनने से होने वाली समस्याएं
कुछ लड़कियां लगातार ऐसी हील्स पहनती हैं। दरअसल, कम हाइट वाली लड़कियों में इससे पहनने का क्रेज अधिक होता है। मगर एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसके नुकसानों को देखते हुए ऐसी फुटवियर्स का जितना हो सके उतना कम इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इससे होने वाले नुकसानों के बारे में जानिए:
1. कमर दर्द- हील्स पहनने से पैरों और कमर की नसों पर प्रेशर पड़ता है, जिस कारण उन्हें कमर में दर्द होता है।
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2. घुटनों में दर्द- रोजाना पहनने वाली लड़कियों के घुटनों में भी दर्द होता है।
3. टखनों की परेशानी- पैरों के टखने यानी Ankle में भी हील्स पहनने पर दर्द होता है। हील की हाइट से तलवों और एंकल की नसों में दबाव पड़ता है, जिससे यह दर्द होता है।
4. चलने में असंतुलन- कई बार लड़कियों के पैरों, जांघों व कमर के हिस्से में इतना दर्द महसूस होता है कि वे बिना हील पहने भी सामान्य तरीके से चलने में मुश्किल महसूस करती हैं।
5. रीढ़ की हड्डी पर दबाव- हील्स पहनने से बॉडी पॉश्चर में भी बदलाव होता है, जिस वजह से उनकी रीढ़ की हड्डियों पर भी दबाव पड़ता है। रीढ़ की हड्डी में दर्द होने पर यह कंधों और गर्दन तक भी फैल जाता है।
हील्स पहनने से होने वाली बीमारियां
1. अर्थराइटिस- हील्स का रोजाना इस्तेमाल करने वाली महिलाओं में अर्थराइटिस का रोग होना सबसे कॉमन है। हील्स पॉश्चर को काफी हद तक बिगाड़ देती हैं, जिस कारण उनमें इस बीमारी की संभावनाएं तेज हो जाती हैं।
2. मोच आना- जो लड़कियां हील्स पहनती नहीं हैं और तुरंत हील्स पहनकर लंबे समय तक खड़ी रहती हैं या चलती हैं, तो उन्हें भी पैरों में मोच आ सकती है।
3. काफ पेन- काफ (Calf) में दर्द, यह घुटनों के नीचे दर्द वाला हिस्सा होता है, जिसमें हील्स पहनने से दर्द होता है।
फ्रैक्चर की संभावनाएं कितनी?
ऑर्थो एवं ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन, एकेडमी ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर और फोर्टिस अस्पताल, ओखला के डायरेक्टर डॉक्टर कौशल कांत मिश्रा बताते हैं कि हील्स पहनना यानी फ्रैक्चर को दावत देना है। इस पर उनका मानना है कि जो लड़कियां हील्स नहीं पहनती हैं और अचानक हील्स पहनकर रनिंग, लंबे समय तक खड़े रहने और रोज-रोज पहनती है, वह निश्चित ही एक न एक बार गिरती है। इससे उन्हें फ्रैक्चर होता है।
दरअसल, इसके पीछे कारण है कि हील्स पहनने पर एड़ियां ऊपर हो जाती हैं, पंजे नीचे और कमर का स्टैंडिंग पोजिशन बदल जाता है। इससे उन्हें अपनी बॉडी का बैलेंस बनाए रखने में दिक्कत होती है और कभी न कभी डिसबैलेंस होकर गिर जाती हैं। इससे जो फ्रैक्चर होता है, वह कुछ दिनों का नहीं बल्कि 6 हफ्तों से 3 महीने तक रह सकता है।
डॉक्टर कहते हैं कि पेंसिल हील्स से यह रिस्क ज्यादा होता है। ये हील्स एंकल स्प्रेन और मैल्लूस फ्रैक्चर का कारण बनती हैं। ऐसे में यह हील्स काफी नुकसानदायक होती हैं। इसे रोजाना पहनने से बेहतर है कि प्लेटफॉर्म हील पहन लें।
हील्स का समाधान क्या?
- लो हील्स या ब्लॉक हील्स का चुनाव करें। ये पैरों को ज्यादा सपोर्ट देती हैं।
- हील पैड्स या क्यूशन्स का इस्तेमाल करें ताकि दबाव कम पड़े।
- खास मौकों पर ही पहनें, डेली यूज के लिए सामान्य स्लीपर्स या जूते पहनें।
- स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें ताकि मांसपेशियों का लचीलापन बना रहे।
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