Heart Attack Causes: जेन-जी शब्द पिछले कुछ दिनों से काफी चर्चाओं में हैं. जाहिर है आपने इसे आंदोलनकारियों से संबंधित या सोशल मीडिया पर चर्चित लोगों में इन्हें देखा होगा। पर क्या सिर्फ जेन-जी यही तक सीमित है? बिल्कुल नहीं, जेन- जी जेनरेशन की सेहत पर बात होना भी बहुत जरूरी है क्योंकि हाल में आई नई स्टडी बताती है कि इन्हें दिल की बीमारियों का खतरा अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा है. जी हां, WHO की स्टडी बताती है कि पिछले कुछ सालों से मौत की प्रमुख वजह हार्ट अटैक है. ऐसे में जरूरी है कि हम ये जानें कि आखिर इसका कारण क्या है?
WHO की स्टडी में चौंकाने वाले खुलासे
World Health Organisation की रिपोर्ट की माने तो दुनिया में हर साल लगभग 1 करोड़ लोगों की जान हार्ट की बीमारियों से जा रही है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, एक हेल्दी इंसान को की रेस्टिंग हार्ट रेट 60 से100 बीट तक 1 मिनट में होनी चाहिए. अमेरिकन हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर इवान लेविन के मुताबिक, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तंबाकू के सेवन से दूरी बनाई जाए, तो हम अपनी हार्ट हेल्थ को सही रह सकते हैं.
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क्या है Gen-Z में हार्ट अटैक की वजहें?
एक्सपर्ट्स की माने तो आमतौर पर दिल की बीमारियों का कारण उम्र के साथ बढ़ता था लेकिन अब आंकड़ा पहले से बदल गया है. कम उम्र के लोगों को हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ गया है, जिसकी वजह उनकी बिगड़ी लाइफस्टाइल है. एक लेटेस्ट स्टडी के आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2019 में 18 से 44 साल के लोगों को 0.3% तक दिल का दौरा पड़ने की संभावना थी मगर साल 2023 में ये प्रतिशत बढ़कर 0.5 हो गया.
कुछ कारण इस प्रकार हैं-
- प्रोसेस्ड फूड्स का जरूरत से ज्यादा सेवन करना.
- सिडेंटरी लाइफस्टाइल, यानी ऐसे लोग जो अधिकतर समय बैठे रहते हैं.
- स्मोकिंग करना, इससे आर्टिरीज में ब्लॉकेज होती है. ई-सिगरेट का सेवन करना इनमें सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है.

हार्ट अटैक आने से पहले शरीर में दिखते हैं ये 7 संकेत
- सीने में दर्द होना सबसे पहला और आम संकेत हैं.
- महिलाओं को सीने के साथ गर्दन और बाजू में भी दर्द महसूस हो सकता है.
- एसिडिटी जैसा महसूस होना.
- बाए हाथ में दर्द.
- जबड़ों में दर्द और पीठ में दर्द.
- पेट में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होना.
- सिर घूमना और पसीने आना.
कैसे कर सकते हैं बचाव?
- जीवनशैली में सुधार करें.
- अपनी डाइट में संतुलित भोजन को शामिल करें.
- कोलेस्ट्रॉल और बीपी को बढ़ने न दें.
- कम फैट और हाई फाइबर फूड्स का इनटेक सही रहता है.
- प्रति दिन 6 ग्राम से ज्यादा नमक न खाएं.
- प्रोसेस्ड और अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स खाने से बचें.
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