How to Deep Clean Your Body: नवंबर की दीवाली, दिसंबर में नए साल का जश्न, जन्मदिन और दोस्त की शादी जैसे मौके का मजा अच्छी दावत के बिना पूरा नहीं हो पाता है। मौज-मस्ती के ये ऐसे मौके होते हैं, जब खाने-पाने पर कोई रोक-टोक बेअसर रहती है। लेकिन इन दावतों में हेल्थ को चुनौती देने वाली डाइट भी शामिल रहती हैं। साथ ही बढ़ते प्रदूषण और तनाव के कारण हमारे शरीर में कई ऐसे तत्व बनते हैं, जो जहर का काम करते हैं।
ये विषैले पदार्थ हमारे लिवर में जमा होने लगते हैं, तो स्किन को बेजान कर देते हैं, न नींद पूरी होती है तो हर टाइम थकान रहती है। इनसे कई तरह की बीमारियों का जोखिम रहता है। ऐसे में कैसे हम इस धीमे जहर से निजात पा सकते हैं। इसके लिए बेहद जरूरी है डिटॉक्सिफिकेशन। इसके जरिए विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकाला जा सकता है।
क्या है डिटॉक्सिफिकेशन?
शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों से राहत के लिए इलाज की अलग-अलग प्रोसेस होते हैं डिटॉक्सिफिकेशन या डिटॉक्स। इनमें भरपूर पानी और जूस पीना, सलाद और उपवास रखना, एनीमा के जरिए पेट की सफाई करने के उपाय शामिल हैं। डिटॉक्स शरीर और दिमाग को हेल्दी और तरोताजा रखने का प्रोसेस है। इससे मेंटल स्ट्रेस और दूसरे डिसऑर्डर भागते हैं और नई एनर्जी आती है। लगातार थकान, अपच, कब्ज, मोटापा, जुकाम और बुखार, तनाव, सिरदर्द, नींद न आना या जरूरत से ज्यादा सोना, जोड़ों में दर्द, डिप्रेशन शरीर में टॉक्सिंस बढ़ने के लक्षण हैं। इसलिए शरीर का डिटॉक्स होना जरूरी हो जाता है।
डिटॉक्स कैसे करें
शरीर को डिटॉक्स करने के कई तरीके भी हैं। लेकिन, हेल्दी डाइट भी दवा का काम करता है। कुछ दिनों तक स्पेशल डिटॉक्स डाइट लेना या उपवास के रूप में भूखे रहना डिटॉक्स का कारगर उपाय नहीं है। हेल्दी डाइट और योग के साथ-साथ रोजाना फिजिकल एक्सरसाइज भी जरूरी है।
खान-पान में सब्जियां, फल, मेवे और बीज
लिक्विड का भरपूर सेवन करें
चीनी, प्रोसेस्ड और तली हुई चीजें न खाएं
शराब कम पिएं
सिगरेट से दूरी बनाएं
फास्ट रखना
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अगर पेट को कुछ आराम मिले तो शरीर की एनर्जी वापस लौट आती है। फास्ट करने से शरीर में बदलाव का संकेत देते हैं। इसके बाद हेल्दी डाइट शरीर पर अच्छा असर करती है। अगर आम लोग संतुलित आहार के साथ उपवास करें तो उनके लिए बेहतर है। शुरुआत में एकदम भूखा रहना ठीक नहीं है। इसके लिए 5 पांच ऑप्शन हैं-
- दिन भर फल, मेवे और सीड्स खाना,
- दिन में एक बार भोजन करना
- सब्जियों का सूप या जूस पीना
- सलाद का सेवन
आयुर्वेदिक डिटॉक्स
आयुर्वेद हमेशा से ही डिटॉक्स पर जोर देता रहा है। आयुर्वेदिक डिटॉक्स में डिटॉक्स फुट स्पा और बाथ भी शामिल हैं। आयुर्वेदिक डिटॉक्स में ऑयल मसाज, स्टीम बाथ, मेडिसिनल तेल को सिर पर डालने से तनाव कम करना, एनीमा से पेट साफ करवाना, नाक में दवा डालना और मेडिसिन वाले फ्लूइड से गरारे करना शामिल हैं।
भरपूर नींद लेना
बदलती लाइफस्टाइल का तनाव, काम का दबाव या देर रात टीवी देखने की आदत होने से भी थकान खत्म नहीं होती है। देर रात की बजाय जल्दी सोना चाहिए। 7 या 8 घंटे की नींद शरीर से थकान और दर्द को दूर करती है।
पसीना बहाना और मसाज
अगर पसीने से टॉक्सिन्स निकल जाते हैं और शरीर में ऑक्सीजन की खपत ज्यादा होती है। जरूरत के मुताबिक, जॉगिंग, योग, तेजी से चलना या एरोबिक्स कर सकते हैं। डेस्क की नौकरी करने वाले या कंप्यूटर पर काम करने वाले लोगों की बॉडी लंबे टाइम तक एक ही पोजीशन में रहता है। ऐसे में मसाज और इसके बाद गरम पानी से नहाना फायदेमंद है और मसाज के लिए ऑयल का चयन अपनी स्किन और शरीर के हिसाब से करना चाहिए।
सावधानी भी रखें
जो लोग बीमार हैं उन्हें खासकर डॉक्टर की देखरेख में ही डिटॉक्स का प्रोसेस अपनाना चाहिए। अगर घरेलू नुस्खों पर आधारित हो तो भी इसके साथ चलने-फिरने, रस्सी कूदने, जैसी वर्जिश करने की भी सलाह दी जाती है। लिवर डिटॉक्स के लिए शराब, तली हुई चीजें, चीनी, प्रोसेस्ड फूड आदि से परहेज करें। ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए और हरी सब्जियों का सेवन करना आपके लिए बेस्ट है।
Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।