नई दिल्ली: आज के समय में हर किसी के लिए हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance Policy) पॉलिसी लेना करीब-करीब अनिवार्य हो गया। यह मेडिकल जरूरत या फिर अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में लोगों को फाइनेंशियल कवरेज प्रदान करता है। वैश्विक महामारी कोरोना के बाद दुनिया भर में हेल्थ इंश्योरेंस की मांग तेजी से बढ़ी है। इस बीच कई बार देखा गया है कि तमाम डॉक्यूमेंट होने बावजूद लोगों को स्वास्थ्य बीमा लेने में परेशानी होती है।
ताजा मामला यूके यानी ब्रिटेन से जुड़ा है। यहां 10 लाख लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी (Health Insurance) सिर्फ इसलिए नहीं मिला की वो बहुत मोटे हैं। बताया जा रहा है कि यूके में जीवन बीमा कंपनियां वहां बीएमआई (BMI) 38 से अधिक वाले लोगों का हेल्थ इंश्योरेंस करने से इनकार कर रही है। वहीं कुछ इंश्योरेंस कंपनियां इनका स्वास्थ्य बीमा करने के लिए तैयार तो है, लेकिन वो इसके लिए दो से ढ़ाई गुणा अधिक तक चार्ज कर रही है। अधिक प्रीमियम होने के कारण लोग अपना हेल्थ इंश्योरेंस नहीं करवा पा रहे हैं।
सीआई एक्सपर्ट एलन लेकी के मुताबिक मतलब है कि 38 से अधिक बीएमआई वाले ग्राहकों को कवर खोजने में एक मिलियन (10 लाख) से ज्यादा लोगों को कठिनाई हो रही है। क्योंकि कुछ बीमा कंपनियां उनका इंश्योरेंस करने से मना कर देती है या फिर स्वस्थ्य लोगों के मुकाबले उनसे दो से ढ़ाई गुना तक ज्यादा प्रीमियम चार्ज कर रही है।
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी (Health Insurance) अविवा और रॉयल लंदन समेत अन्य का कहना है कि अधिक वजन या मोटापा अन्य गंभीर बीमारियों की संभावना को बढ़ाता है। अविवा के प्रवक्ता के मुताबिक, यह एक प्रक्रिया का हिस्सा है जिसमें बीएमआई पर विचार किया जाता है। उनका कहना है कि अधिक बीएमआई होने पर कंपनी प्रीमियम को समायोजित करने की कोशिश करता है लेकिन कुछ स्थितियों में हम उन्हें कवर प्रदान करने में असमर्थ भी होते हैं।
क्या है बॉडी मास इंडेक्स (BMI) ?
आपको बता दें कि बॉडी मास इंडेक्स (BMI) बॉडी फैट नापने का कैलकुलेटर है जो किसी शख्स की हाइट और उसके वेट के आधार पर नापते हैं। बीएमआई की कैलकुलेशन किसी दिए गए व्यक्ति की ऊंचाई और वज़न के आधार पर की जाती है। पुरुषों और महिलाओं के लिए बीएमआई का आडियल रेंज 18.5 से 24.9 के बीच है। वहीं BMI 18.5 से नीचे रहने वाले व्यक्ति को कम वजन वाला माना जाता है। जबकि 25 या फिर इससे ज्यादा बीएमआई वाले को अधिक वजन माना जाता है। वहीं 30 या फिर उससे अधिक के बीएमआई वालों को मोटा माना जाता है।
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स्वास्थ्य के जानकारों के मुताबिक अधिकांश देखा जाता है कि 35 या फिर उससे अधिक बीएमआई वाले व्यक्ति हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, टाइप 2 डायबिटीज जैसी बीमारियों के शिकार होते हैं। यूनाइटेड किंगडम के नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) के 2018 एक आंकड़े के मुताबिक, यूके में 1.4 मिलियन से अधिक लोगों का बीएमआई 40 से अधिक है।
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