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Glaucoma आंखों की कैसी बीमारी है? एक्सपर्ट्स से जानिए इससे बचने के तरीके

ग्लूकोमा जिसे काला मोतिया भी कहते हैं, आंखों की एक गंभीर बीमारी है, जो आंखों में दबाव पड़ने पर होती है। इससे आंखों की ऑप्टिक नर्व्स को नुकसान पहुंचता है। कई बार इस बीमारी से आंखों की रोशनी भी चली जाती है।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Mar 17, 2025 07:59
Glaucoma Causes

Glaucoma Causes: आंखों की एक ऐसी बीमारी जिसका इलाज यदि समय पर न किया जाए, तो इंसान की दृष्टि भी खो सकती है। हेल्थ रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में भी इस बीमारी से 11,900,000 लोग पीड़ित हैं, जो कि एक गंभीर आंकड़ा है। हर साल 12 मार्च को ग्लूकोमा दिवस मनाया जाता है और इस पूरे हफ्ते को भी Glaucoma अवेयरनेस वीक के तौर पर मनाया जाता है। इस अवसर पर आंखों के एक्सपर्ट्स से जानिए इस बीमारी के बारे में सब कुछ।

क्या है ग्लूकोमा?

एम्स के ऑप्थेल्मिक साइंसेज में नेत्र विज्ञान के प्रोफेसर डॉक्टर तनुज दादा बताते हैं कि कालामोतिया या फिर ग्लूकोमा ऐसी बीमारी है, जो भारत में अंधेपन का प्रथम कारण है। काला मोतिया इसलिए गंभीर बीमारी है क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण भी तब दिखाई देते हैं, जब बीमारी काफी हद तक फैल जाती है। Glaucoma की बीमारी आंखों की तंत्रिका यानी नर्व्स पर प्रेशर के कारण दबाव पड़ने से होती है। दरअसल, यह नर्व दिमाग से इंटरलिंक होती है, जो डैमेज हो जाती है। यह सफेद मोतिया की तुलना में अधिक घातक भी होता है।

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ग्लूकोमा के बढ़ने की बड़ी वजह क्या?

सरगंगा राम अस्पताल के आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर अनिल सोलंकी बताते हैं कि ग्लूकोमा के पीछे कई कारण हो सकते हैं। यह लाइफस्टाइल से संबंधित बीमारी ज्यादा है। अगर हम सही न्यूट्रिशन नहीं लेते हैं, तो भी यह आई डिजीज हो सकता है। मानसिक तनाव या स्ट्रेस इसका कारण नहीं होते हैं। साथ ही, डॉक्टर बताते हैं कि आंखों की यह बीमारी शहरी और गांवों, दोनों जगहों के लोगों को प्रभावित करती है लेकिन शहरों में इसका इलाज जल्दी शुरू हो जाता है। इसलिए, ग्रामीण इलाकों में इस बीमारी को लेकर जागरूकता खासतौर पर भारत जैसे देश में बढ़ाना बहुत जरूरी होता है।

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ग्लूकोमा के कुछ कारण

डॉक्टर तनुज दादा के अनुसार, इस बीमारी के कोई लक्षण नहीं होते हैं। अधिकांश मामलों में तो यह नहीं दिखते हैं, लेकिन कुछ कारण हो सकते हैं, जो इस बीमारी को बढ़ावा देते हैं, जैसे-

1. डायबिटीज होना।

2. ब्लड प्रेशर का लो होना।

3. स्टेरॉयड दवा लेना।

4. शरीर में किसी भी प्रकार की बीमारी होना।

5. बचपन में आंख में चोट लगना।

6. फैमिली प्रॉब्लम।

7. दूर-पास का चश्मे का नंबर ज्यादा होना।

8. बच्चों में बार-बार आई इंफेक्शन होना।

9. गलत आई ड्रॉप्स का यूज करना।

10. बढ़ती उम्र के लोगों को यह बीमारी ज्यादा होती है।

क्या आयुर्वेद में है इलाज?

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर अंकुर मिश्रा बताते हैं कि ग्लूकोमा की बीमारी के लक्षणों के बारे में आयुर्वेद भी तुरंत नहीं बता पाता है, क्योंकि इसके लक्षण हर किसी को देरी से समझ आते या महसूस होते हैं। हालांकि, आयुर्वेद में इसके कुछ लक्षण भी बताए गए हैं, जैसे कि आंखों में दर्द होना, आंखों पर कोई दबाव पड़ना और आंखों के नंबरों का बदलना भी इसके लक्षण हैं।

कैसे करें बचाव?

  • गंदे हाथों से आंखों को न छूएं।
  • नियमित रूप से आंखों की जांच करवाएं।
  • आंखों में धूल-मिट्टी जाने से बचाएं।
  • अगर कोई बीमारी है, तो उनका इलाज और दवा लेते रहें।
  • ज्यादा इंफ्लेमेटरी डाइट (ऐसे फूड्स जो शरीर में सूजन को बढ़ाते हैं) लेने से बचें।

ग्लूकोमा के कुछ अन्य लक्षण

आंखों में अचानक तेज दर्द होना।
काला या धुंधला दिखना।
रात को कम दिखना।
सिरदर्द होना।

क्या ग्लूकोमा ठीक हो सकता है?

हालांकि, एकबार आंखों की नर्व्स डैमेज हो चुकी हैं, तो दोबारा उन्हें ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन इस बीमारी का इलाज समय पर शुरू हो जाए, तो इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। इस बीमारी का उपचार डॉक्टर द्वारा ही करवाया जाना चाहिए।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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Edited By

Namrata Mohanty

First published on: Mar 17, 2025 07:59 AM

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