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Comedian Bharti Singh को प्रेग्नेंसी के दौरान हुई हाई शुगर लेवल्स की दिक्कत, क्या मां से बच्चे को हो सकती है डायबिटीज?

Bharti Singh Diabetes: कोमेडियन भारती सिंह ने हाल ही में बताया है कि प्रेग्नेंसी में उनका ब्लड शुगर लेवल बढ़ गया है. ऐसे में यहां जानिए प्रेग्नेंसी में मां का शुगर लेवल ज्यादा हो तो इससे बच्चे को डायबिटीज हो सकती है या नहीं.

Author Written By: Seema Thakur Updated: Nov 16, 2025 19:01
Bharti singh
बच्चों को शुगर कब हो सकती है? Image Credit - Instagram

Bharti Singh Disease: स्टार कोमेडियन भारती सिंह एकबार फिर मां बनने वाली हैं. भारती ने अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किए गए ब्लॉग में इस बात का जिक्र किया है कि उनकी सेहत ठीक नहीं है. भारती ने बताया है कि उनके ब्लड शुगर लेवल्स (Blood Sugar Levels) जरूरत से ज्यादा बढ़ गए हैं. इसपर भारती को डॉक्टर से भी डांट लगी है कि उनके ब्लड शुगर लेवल्स इतनी तेजी से क्यों बढ़ने लगे हैं. ऐसे में बात चिंता की है कि क्या इन बड़े हुए शुगर लेवल्स के कारण मां से बच्चे को डायबिटीज हो सकती है या नहीं. आइए जानते हैं गर्भावस्था में अगर मां के शुगर लेवल्स ज्यादा हों या मां को डायबिटीज हो तो इसका बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ता है.

क्या मां से बच्चे को हो सकती है डायबिटीज

गर्भावस्था (Pregnancy) में होने वाली डायबिटीज या शरीर में शुगर लेवल्स का बढ़ना गर्भकालीन मधुमेह (Gestational Diabetes) कहलाता है. बच्चे से मां को डायबिटीज हो सकती है लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि मां को किस प्रकार की डायबिटीज है और गर्भधारण के समय मां का ब्लड शुगर कितना नियंत्रित था.

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आनुवांशिक डायबिटीज

आनुवांशिक तौर पर देखा जाए तो टाइप 1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून बीमारी है. अगर मां को टाइप 1 डायबिटीज है तो बच्चे को यह रोग जेनेटिकली होने का खतरा ज्यादा होता है. पिता से डायबिटीज होने का खतरा ज्यादा होता है लेकिन संभावना मां के मामले में भी बनी रहती है.

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टाइप 2 डायबिटीज की बात करें तो यह आनुवांशिकी और जीवनशैली दोनों से ही जुड़ी हुई है. यदि मां को टाइप 2 डायबिटीज होगी तो बच्चे को टाइप 2 डायबिटीज होने का जेनेटिक जोखिम रहेगा.

गर्भकाली मधुमेह में बच्चे को डायबिटीज का खतरा

गर्भावस्था के दौरान अगर मां का शुगर लेवल बढ़ जाता है तो इसे गर्भकालीन मधुमेह कहते हैं. अगर मां का शुगर लेवल पहले से कंट्रोल में ना हो तो गर्भावस्था के दौरान अतिरिक्त ग्लुकोज गर्भनाल यानी प्लेजेंटा के माध्यम से बच्चे तक पहुंच जाती है. इससे बच्चे का पैनक्रियाज अतिरिक्त इंसुलिन बनाता है जिससे इस बड़ी हुई शुगर को संभाला जा सके. इससे बच्चे का वजन बढ़ता है और डिलीवरी के दौरान दिक्कतें बढ़ती हैं. वहीं, इससे बच्चे में आगे चलकर मोटापा और टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) का खतरा बढ़ता है.

बचाव के लिए क्या करना चाहिए

मां को गर्भावस्था के दौरान अपने शुगर लेवल्स कंट्रोल में रखने का प्रयास करना चाहिए जिससे बच्चा डायबिटीज के खतरों से बचा रहे.

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अस्वीकरण – इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.

First published on: Nov 16, 2025 07:01 PM

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