Urine Problems: व्यक्ति दिनभर में कितनी बार पेशाब करता है यह कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे मूत्राशय की कैपेसिटी कितनी है, दिनभर में क्या और कितना पिया जा रहा है और व्यक्ति कि उम्र कितनी है. ऐसे में कितनी बार पेशाब किया जा रहा है यह संख्या आमतौर पर सभी के लिए अलग-अलग होती है. वहीं, अगर पेशाब (Peshab) करने की संख्या जरूरत से ज्यादा कम या ज्यादा हो तो उसमें भी दिक्कत है. ऐसे में यहां जानिए 24 घंटे में आमतौर पर कितनी बार तक पेशाब करने को नॉर्मल कहा जाता है.
एक दिन में कितनी बार पेशाब करना नॉर्मल है
सामान्यतौर पर एक दिन में यानी 24 घंटे में व्यक्ति का 4 से 10 बार पेशाब करना नॉर्मल कहा जाता है. यह पानी पीने की मात्रा और पानी के अलावा कौन सी ड्रिंक्स वगैरह पी जा रही हैं इसपर निर्भर करता है. इससे इतर व्यक्ति का बहुत कम या जरूरत से ज्यादा पेशाब करना किसी दिक्कत का लक्षण हो सकता है.
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कम पेशाब आने की क्या वजह है
दिनभर में अगर 4 से भी कम बार पेशाब किया जा रहा है या 400 मिलीलीटर से कम पेशाब किया जा रहा है तो उसे ओलिगुरिया कहा जाता है. कम पेशाब करना कुछ स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की वजह हो सकता है –
डिहाइड्रेशन – कम पेशाब करना निर्जलीकरण यानी डिहाइड्रेशन का संकेत होता है. यदि दिनभर में पर्याप्त पानी ना पिया जाए तो डिहाइड्रेशन होती है.
किडनी की दिक्कतें – किडनी (Kidney) सही तरह से काम नहीं कर पाती है तो पेशाब से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं. यह किडनी की पथरी का भी संकेत हो सकता है.
मूत्र मार्ग में रुकावट – मूत्राशय या मूत्रमार्ग में किसी तरह की रुकावट हो तो उसमें भी पेशाब कम आता है.
बढ़ा हुआ प्रोस्टेट – पुरुषों में बढ़े हुए प्रोस्टेट के कारण पेशाब में रुकावट होती है जिससे पेशाब कम आता है. कई बार इस दिक्कत में पेशाब बूंद-बूंद करके आता है.
यूरिन इंफेक्शन – यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन में भी पेशाब से जुड़ी दिक्कतें होती हैं, पेशाब कम या ज्यादा आ सकता है.
दवाओं का दुष्प्रभाव – दवाओं के साइड इफेक्ट्स से भी पेशाब कम आ सकता है.
पेशाब ज्यादा आने की क्या वजह होती है
10 से ज्यादा बार या कहें जरूरत से ज्यादा पेशाब आना कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की वजह से हो सकता है. ज्यादा पेशाब आने की ये वजहें हो सकती हैं –
तरल पदार्थ ज्यादा लेना – अगर व्यक्ति दिनभर तरल पदार्थों का सेवन करता रहता है तो उसे बार-बार पेशाब आ सकता है.
ठंड का मौसम – सर्दियों में पसीना कम आता है जिससे तरल पदार्थ पेशाब के रास्ते ही निकलते हैं और बार-बार पेशाब आता है.
डायबिटीज – बार-बार पेशाब आना या जरूरत से ज्यादा पेशाब आना डायबिटीज का संकेत हो सकता है.
यूरिन इंफेक्शन – अगर व्यक्ति को यूरिन इंफेक्शन हुआ हो तो भी बार-बार पेशाब आ सकता है.
प्रोस्टेट का बढ़ना – प्रोस्टेट बढ़ने पर मूत्राशय एक बार में खाली नहीं हो पाता है जिसकी वजह से व्यक्ति को बार-बार पेशाब आ सकता है.
ओवरएक्टिव ब्लैडर – अगर व्यक्ति को ओवरएक्टिव ब्लैडर की दिक्कत हो जाए तो ब्लैडर की मांसपेशियां जरूरत ना होने पर भी सिकुड़ने लगती हैं और व्यक्ति को तेज पेशाब लगता है.
किडनी की पथरी – मूत्राशय या किडनी में पथरी होने पर पेशाब की आवृति बढ़ सकती है.
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