Diabetes and Uterine Cancer In Women: क्या लगातार थकान हो रही है? वजन में बदलाव देख रहे हैं या कई-कई बार यूरिन आने की वजह से भागना पड़ता है, तो ये डायबिटीज के संकेत हैं। डायबिटीज के मामले हर साल इतने बढ़ रहे हैं कि बढ़े क्या छोटे बच्चों में भी यह बीमारी अब देखने को मिलती है। डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी तो है ही, लेकिन इससे अन्य बीमारियों का भी खतरा रहता है। आपको बता दें, यह यूटेराइन कैंसर की वजह भी बन सकती है।
ऐसा हम नहीं हाल ही में हुई एक ICMR की स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है। स्टडी में कहा गया है कि टाइप-2 डायबिटीज मेलिटस (T2DM) एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial Cancer) के रिस्क को बढ़ाती है और ये खतरा महिलाओं में होता है। ये यूट्रस में होने वाला एक कैंसर है। हर साल इसके मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है। एंडोमेट्रियल कैंसर का जोखिम टाइप-2 डायबिटीज महिलाओं में हो सकता है। आइए जान लेते हैं…
क्या कहती है ICMR की स्टडी?
यूटेराइन कैंसर का खतरा डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं को काफी रहता है। ICMR ने बताया कि जिन महिलाओं को टाइप-2 डायबिटीज है, उनमें खतरा डबल रहता है। आईसीएमआर के हालिया स्टडी में यह बात साफ हुई है कि शरीर में ब्लड शुगर का हाई लेवल इस कैंसर के फैलाव में काफी अहम भूमिका निभाता है।
कैंसर का क्यों है खतरा
यूके के साइंटिस्टों ने अपनी रिसर्च में कहा है कि शरीर में शुगर का हाई लेवल एंडोमेट्रियल कैंसर के होने का कारण बन सकता है। ये हाई ग्लूकोज की वजह से होता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin Resistance) की वजह से महिलाओं में कैंसर सेल्स तेजी से पैदा हो सकती हैं। जिनमें टाइप-2 डायबिटीज है, उनमें एंडोमेट्रियल कैंसर यानी की यूटेराइन कैंसर से मौत का खतरा आम महिलाओं के मुकाबले 2 % ज्यादा हो सकता है। इसी में आईसीएमआर (Indian Council of Medical Research) ने भी कहा है कि टाइप-2 डायबिटीज महिलाओं में यूटेराइन कैंसर के खतरे को बढ़ाती है।
एंडोमेट्रियल कैंसर के शुरुआती संकेत
- मेनोपॉज से पहले मासिक धर्म के बीच वजाइना से ब्लीडिंग होना
- मेनोपॉज के बाद वजाइना से ब्लीडिंग या धब्बे दिखना
- पेट के ठीक नीचे, पेल्विक एरिया में दर्द या ऐंठन
- मेनोपॉज के बाद वजाइनल डिस्चार्ज
- 40 साल से ज्यादा है तो वजाइना से ज्यादा लंबे समय तक भारी या बार-बार डिस्चार्ज होना।
कैसे करें बचाव?
वजन कंट्रोल करें
डायबिटीज के मरीजों को अपना वेट हमेशा कंट्रोल में रखना चाहिए। जब डायबिटीज कंट्रोल में रहती है, तो काफी हद तक यूटेराइन कैंसर का खतरा काफी हद तक टल जाता है।
डेली एक्सरसाइज
डेली एक्सरसाइज करना हमारी ओवरऑल हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह आपके शुगर लेवल को भी कंट्रोल में करता है।
मेडिसिन लेना न भूलें
डॉक्टर ने डायबिटीज के लिए किसी दवा का सेवन करने की सलाह दी है, तो उसे बिना किसी लापरवाही के टाइम से लें।
समय-समय पर जांच
शुगर लेवल की रेगुलर जांच करना भी जरूरी होता है। इससे आपके शुगर लेवल की पहचान आसानी से हो सकती है। क्योंकि एक लेवल से ज्यादा हाई शुगर लेवल आपके लिए खतरनाक भी हो सकता है।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।