Covid Alert: कोरोना के नए वेरिएंट ने दुनिया के कई देशों में असर डालना शुरू कर दिया है। कोरोना के 4 नए वेरिएंट NB.1.8.1, JN.1, XFG सीरीज और LF.7, ओमिक्रॉन के ही सब-वेरिएंट माने जा रहे हैं। इससे पहले जब कोरोना वायरस ने दुनिया में तबाही मचाना शुरू किया था, तो दुनिया के बड़े-बड़े हेल्थ विभागों ने इसकी वैक्सीन तैयार की। वैक्सीन के साथ-साथ सभी लोगों को बूस्टर डोज लेने की भी सलाह दी गई थी। हालांकि, बूस्टर डोज युवाओं से अधिक बुजुर्गों के लिए जरूरी मानी गई है। काफी लोगों ने इन्हें लगवाया था, तो कुछ लोगों ने इससे परहेज किया था। मगर क्या अब इस नए वेरिएंट पर बूस्टर डोज का असर प्रभावित होगा? आइए जानते हैं डॉक्टर से।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
झारखंड के मैक्सिलोफेशियल सर्जन और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट, एमडीएस और एमपीएच डॉ. अनुज कुमार न्यूज-24 को बताते हैं कि नए वेरिएंट्स पर भी कोरोना की पुरानी वैक्सीन और बूस्टर डोज का लाभ मिलेगा। इसलिए सभी लोग अपना कोविड टीकाकरण और बूस्टर डोज जरूर लें।
ये भी पढ़ें- Covid Alert: भारत में कोरोना का चौथा वेरिएंट कितना खतरनाक? पहले तीनों के मिल चुके केस
वैक्सीन असरदार
डॉक्टर के मुताबिक, वैक्सीन का असर इन नए वेरिएंट्स पर भी उतना ही फायदेमंद है, जितना कि पहले के वेरिएंट्स पर था। बूस्टर डोज और वैक्सीन से इम्यूनिटी पर असर होता है, जो आपको बीमारी या संक्रमण से बचाते हैं। ऐसे में सभी लोगों को सलाह दी गई है कि वैक्सीन लेनी जरूरी है।
भारत में हाल ही में दो नए कोविड-19 वेरिएंट्स—NB.1.8.1 और LF.7 की पहचान हुई है।
ये दोनों वेरिएंट्स ओमिक्रॉन की JN.1 सबलाइन से उत्पन्न हुए हैं और वर्तमान में “Variants Under Monitoring” (VUM) की श्रेणी में हैं, जिसका अर्थ है कि इन पर विशेष निगरानी रखी जा रही है, लेकिन अभी इन्हें…
— Dr Anuj Kumar (@dranuj_k) May 26, 2025
किन लोगों के लिए जरूरी वैक्सीन?
डॉक्टर ने सभी 60 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों को वैक्सीन तथा बूस्टर डोज लेने की सलाह दी है। साथ ही, जो लोग अन्य बीमारियों जैसे की डायबिटीज या फिर बीपी की प्रॉब्लम्स फेस कर रहे हैं, उन्हें भी अपना वैक्सीन जरूर लेना चाहिए। इम्यूनिटी से संबंधित बीमारियों से पीड़ित लोगों को भी कोरोना की बूस्टर डोज लेनी जरूरी होती है।
बूस्टर डोज लेने के बाद संक्रमण का रिस्क कितना?
एक्सपर्ट बताते हैं कि कोविड की बूस्टर डोज लेने से काफी हद तक संक्रमण के खतरों को कम करने में काफी मदद मिलती है। बूस्टर डोज से रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जो आपको जल्दी बीमार नहीं होने देती है।
बूस्टर डोज दोबारा लेना फायदेमंद
बूस्टर डोज कोई भी दोबारा ले सकता है। इस दवा की गाइडलाइंस के मुताबिक, 6 महीने बाद बीमारी से बचने के लिए बूस्टर डोज की एक और डोज ली जा सकती है। मगर दूसरी डोज के लिए आपको कम से कम 6 महीने का टाइम लेना होता है। साथ ही, डॉक्टर के मुताबिक किसी भी कंपनी की बूस्टर डोज ली जा सकती है।
ये भी पढ़ें- Covid Alert: महिलाओं को कोरोना का ज्यादा खतरा क्यों? डॉक्टर दे रहे सतर्क रहने की सलाह