डकार आना एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया होती है, जिसमें पेट में मौजूद एक्स्ट्रा हवा मुंह के रास्ते बाहर निकलती है। यह आमतौर पर खाना खाने के बाद या गैस बनने पर आती है। डकार आना अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह हमारी पाचन क्रिया के कार्यों का एक हिस्सा होती है। हालांकि कभी-कभी बार-बार डकार आना, बदहजमी, एसिडिटी या अन्य पाचन संबंधी समस्याओं का संकेत हो सकता है। इसलिए, हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि शरीर में किसी भी प्रकार का नया बदलाव या किसी आम चीज का ज्यादा होना सही नहीं है। आइए इस रिपोर्ट में समझते हैं डकार आने के कारणों के बारे में, जो सामान्य से अलग हैं।
डकार आने का वैज्ञानिक कारण
जब हम खाना खाते हैं, पानी पीते हैं या बात करते हैं, तो उसके साथ-साथ कुछ हवा भी हमारा शरीर निगल लेता है। यह हवा पेट में इकट्ठा हो जाती है और जब वह अधिक हो जाती है, तो शरीर उसे बाहर निकालने के लिए डकार के रूप में रिलीज करता है। यह एक नेचुरल प्रोसेस ही है, जिससे पेट का दबाव कम होता है।
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डकार आने के मुख्य कारण
1. हवा निगलना
जब कोई व्यक्ति बहुत तेजी से खाता है या पीता है, तब ऐसा होता है।
बात करते हुए खाना।
च्यूइंग गम चबाना।
स्ट्रॉ से ड्रिंक पीना।
धूम्रपान करना।
इन आदतों से मुंह के जरिए ज्यादा हवा पेट में जाती है, जो डकार के रूप में बाहर आती है।
2. कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का सेवन
कोल्ड ड्रिंक, सोडा और बियर जैसी ड्रिंक्स में कार्बन डाइऑक्साइड होती है। जब इनका सेवन किया जाता है, तो गैस पेट में जमा होती है और डकार आती रहती है।
3. पाचन संबंधी समस्याएं
बदहजमी- जब खाना सही से नहीं पचता, तब गैस बनती है और डकार आती है।
एसिड रिफ्लक्स- पेट का एसिड का स्तर ऊपर की ओर आने लगता है, जिससे डकार, जलन और खट्टी डकारें आती हैं।
गैस्ट्रोपेरेसिस- यह स्थिति डायबिटीज रोगियों में अधिक पाई जाती है, जिसमें पेट खाली होने की गति धीमी हो जाती है और गैस बनने लगती है।
4. तनाव और चिंता
मानसिक तनाव से सांस लेने की गति तेज हो जाती है और व्यक्ति अनजाने में ज्यादा हवा निगलता रहता है। यह हवा पेट में जाकर डकार का कारण बनती है।
5. गैस बनाने वाले फूड्स
कुछ फूड्स पचने में अधिक समय लेते हैं और पेट में गैस पैदा करते हैं, जैसे चना, राजमा, पत्तागोभी, मूली और डेयरी फूड्स। अत्यधिक फाइबर युक्त भोजन खाना भी गैस बनने का एक कारण है।
कब गंभीर हो जाती है समस्या?
अगर डकार कभी-कभार आती है तो चिंता की बात नहीं, लेकिन अगर ये बार-बार हो रही हैं और इसके साथ कुछ और लक्षण भी दिखें, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
ये हैं कुछ संकेत
- खट्टी डकारें और सीने में जलन होना।
- पेट में लगातार भारीपन या दर्द होना।
- भूख की कमी।
- उल्टी या मिचली।
- अचानक वजन कम होना।
ये सभी लक्षण गैस्ट्रिक अल्सर, GERD या हायेटल हर्निया जैसी गंभीर बीमारियों के संकेत हो सकते हैं।
डकार को रोकने के उपाय
1. भोजन की आदतें सुधारें
खाना धीरे-धीरे और चबा-चबाकर खाएं। बात करते हुए खाना न खाएं। खाने के तुरंत बाद लेटने से बचें। नियमित समय पर ही भोजन करें।
2. च्यूइंग गम और स्ट्रॉ से बचें, इनसे हवा ज्यादा निगलने की संभावना रहती है।
3. तनाव कम करें
योग, ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीकों से मानसिक तनाव को कम करने में मदद मिलेगी।
4. कुछ फूड्स से परहेज करें।
ऐसे फूड्स जो गैस बनाते हैं, उन्हें खाने से बचें। जैसे कि अधिक दालें, कोल्ड ड्रिंक्स और तले-भुने भोजन का सेवन कम से कम करें।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
जीवा आयुर्वेदा के सीनियर डॉक्टर, डॉ. प्रताप चौहान कहते हैं कि खाना खाने के तुरंत बाद डकार आना कभी भी यह नहीं बताता कि आपका खाना पच गया क्योंकि तुरंत खाया भोजन इतनी जल्दी नहीं पचता। यह डकार खाना न खाने की वजह से पेट में भरी हवा के कारण आती है। वहीं, बार-बार और जल्दी-जल्दी डकार आते रहना कभी भी अच्छे डाइजेशन का लक्षण नहीं होता है। यह संकेत है कि आपको अपच की समस्या है।
घरेलू उपाय
- अजवायन और काला नमक का मिश्रण खाएं।
- हींग का पानी पीने से गैस की समस्या कम होती है।
- पुदीने का रस पिएं। इससे डकार और पेट फूलने में राहत मिलती है।
- छाछ में भुना जीरा मिलाकर पिएं।
योग करना भी फायदेमंद
ग्राफिक्स की मदद से समझें….
वज्रासन, पवनमुक्तासन, भुजंगासन, प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, कपालभाति और कुछ आयुर्वेदिक औषधियां जैसे कि त्रिफला चूर्ण, हिंग्वाष्टक चूर्ण और अविपत्तिकर चूर्ण का सेवन करें।
जरूरी सलाह
डकार आना शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है जो पाचन तंत्र की कार्यशीलता को दर्शाती है। लेकिन जब यह बार-बार और अधिक मात्रा में आने लगे, तो यह एक अनहेल्दी लाइफस्टाइल, खराब खानपान या पाचन संबंधी किसी गड़बड़ी का संकेत हो सकती है। सही खानपान, घरेलू उपाय, योग और तनाव प्रबंधन से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि लक्षण लंबे समय तक बने रहें या तकलीफदेह हों, तो मेडिकल हेल्प लेना आवश्यक है।
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