Weight Loss: भारत में आज भी सर्जरी शब्द सुनते ही लोग घबरा जाते हैं। खासकर मोटापा कम करने के लिए सर्जरी का विकल्प बहुत कम लोग जानते हैं। आपको बता दें कि बेरिएट्रिक सर्जरी, जो वजन घटाने वाली एक सर्जरी है ज्यादा वेट वाले लोगों के लिए बेहतर विकल्प है। हालांकि, इसको लेकर लोगों में गलतफहमियां और डर मौजूद है। इस पर डॉक्टरों का मानना है कि सर्जरी को आखिरी विकल्प मानना हमारी सेहत के प्रति बड़ी भूल हो सकती है क्योंकि बढ़ा हुआ है पेट सिर्फ शारीरिक सुंदरता को नहीं बल्कि बीमारियों का भी केंद्र होता है। इसलिए सही समय पर की गई यह सर्जरी न सिर्फ वजन घटाने में मदद करती है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों से भी बचाएगी। आइए जानते हैं इस पर डॉक्टर की राय।
मोटापा सिर्फ वजन नहीं, बीमारियों की जड़
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज के डॉ. आशीष गौतम बताते हैं कि मोटापा सिर्फ देखने में बुरा लगने वाली चीज नहीं है, यह धीरे-धीरे शरीर के अंदर डायबिटीज, हाई बीपी, लिवर डिजीज, नींद की दिक्कतों और हार्मोनल समस्याओं को जन्म देती है।
क्या बेरिएट्रिक सर्जरी?
इस सर्जरी को तब किया जाता है जब डाइटिंग से लेकर दवाएं भी ओबेसिटी की समस्या को दूर नहीं कर पाती है। इस सर्जरी में पेट का आकार छोटा कर दिया जाता है, जिससे इंसान को भूख लगती है और वह कम खाता है। इस सर्जरी के दूसरे प्रकार में पाचन तंत्र और हार्मोनल सिस्टम में बदलाव किया जाता है, जिससे शरीर की भूख, मेटाबोलिज्म और इंसुलिन की प्रक्रिया बेहतर तरीके से होती है।
सर्जरी क्यों जरूरी है?
एक्सपर्ट का मानना है कि बहुत से मरीज सालों तक डाइटिंग और वर्कआउट करते हैं, लेकिन वजन घटाने में बार-बार नाकाम रहते हैं। बैरिएट्रिक सर्जरी उनके लिए एक क्लिनिकल समाधान है। यह सर्जरी पेट के आकार और हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या को बदल देती है, जिससे भूख पर कंट्रोल पाया जाता है और शरीर इंसुलिन का बेहतर तरीके से उपयोग करने लगता है।
सही समय पर सर्जरी क्यों करवाएं?
डॉक्टर के अनुसार, जब तक हम इंतजार करते रहते हैं कि शायद वजन खुद कम हो जाए, तब तक शरीर अंदर से कमजोर होता जाता है। इसके बाद जब ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है, तो शरीर का रिस्पॉन्स सिस्टम स्लो हो जाता है।
स्टडी में सर्जरी को फायदेमंद माना गया
STAMPED ट्रायल और ARMMS-T2D स्टडी जैसे बड़े रिसर्च से यह बात साबित हो चुकी है कि बैरिएट्रिक सर्जरी से टाइप-2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, पीसीओएस और स्लीप एपनिया जैसी बीमारियों की रोकथाम होती है। इस सर्जरी को करवाने के बाद कई मरीजों ने इंसुलिन डोज लेना भी बंद कर दिया है।
ये संकेत दिखे तो सर्जरी है एकमात्र उपाय
- जब वजन बार-बार बढ़ता रहें।
- डायबिटीज, हाई बीपी या पीरियड की समस्याओं में।
- लाइफस्टाइल सही न हो।
- दवाओं से शरीर पर कोई असर न दिखें।
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