Asthma Causes: हम अपने घर को सजाने के लिए पर्दे, कारपेट से लेकर तरह-तरह के फर्नीचर का इस्तेमाल करते हैं। इन्हें आजकल एसथेटिक बोला जाता है। इसका मतलब होता है कुछ अलग और सुंदर, जो आकर्षक लगे। पहले लोग त्योहारों और किसी खास समय घरों को सजाते थे, मगर अब लोगों को हमेशा ही अपना घर खूबसूरत चाहिए होता है। क्या आप जानते हैं सजावट वाली ये चीजें कई बार हमें गंभीर बीमारियां दे जाती है। डॉक्टर जैन इस बारे में क्या कहते हैं आइए जानते हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मैक्स हेल्थकेयर के पल्मोनोलॉजी विभाग के निदेशक एवं प्रमुख, श्वसन चिकित्सा डॉ. आशीष जैन बताते हैं कि आजकल हर रोग, हर परेशानी सांसों से जुड़ी हुई है। कोरोना से लेकर सीओपीडी आदि जैसी बीमारियों में होने वाली सबसे कॉमन समस्या सांस लेने में दिक्कत हैं। अस्थमा जो एक कॉमन रेस्पिरेटरी हेल्थ प्रॉब्लम है लेकिन जानलेवा भी है। इस बीमारी में लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है। उन्हें अस्थमा अटैक आते हैं, जो तुरंत आते हैं और ऑक्सीजन शॉर्ट होने लगती है।
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क्या पर्दे-कारपेट से बढ़ रही बीमारी?
डॉक्टर बताते हैं कि आजकल जो हमारे घरों में पर्दे और कार्पेट है, उन्हें लोग बिछा लेते हैं लेकिन उनकी सफाई का ख्याल रखना भूल जाते हैं। कुछ लोगों के घर में तो कई-कई महीनों तक इन्हें नहीं बदला जाता है, जिस वजह से इन पर धूल-मिट्टी और बैक्टीरिया जम जाते हैं। जब घर में पंखा-कूलर चलता है, तो उस समय हवा के साथ ये धूल या मिट्टी हमारे नाक और मुंह के रास्ते शरीर में जाती है, जो बीमारी को बढ़ाते हैं। एक्सपर्ट कहते हैं कि यदि किसी को घर में बार-बार एलर्जी हो रही है या फिर अस्थमा के अटैक हो रहे हैं, तो उन्हें एक बार अपने घर के फर्नीचर और वार्डरॉब को चेक करने की जरूरत है, हो सकता है इनकी वजह यही समस्याएं हो।
क्या करना चाहिए?
अस्थमा के मरीजों को अपने घर में कॉटन के हल्के पर्दे लगाने चाहिए। इन्हें अपने घर में कार्पेट नहीं लगाने चाहिए क्योंकि इनमें से धूल निकलती है, जो अस्थमा अटैक के रिस्क को बढ़ाते हैं। ये लोग अपने घर में झाड़ू के बजाए वैक्यूम क्लीनर और पोछे की मदद से सफाई करनी चाहिए। इसके अलावा, इन लोगों को अपने साथ हर समय इन्हेलर रखना चाहिए। ये लोग घर में अलग, गाड़ी में अलग, ऑफिस में अलग और यदि बेडरूम अलग है, तो हमेशा इमरजेंसी के लिए बेड के आस-पास एक इन्हेलर रखें।
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