New Delhi: रूस के साथ जारी जंग के बीच यूक्रेन भारतीय मेडिकल छात्रों को बड़ी राहत देने जा रहा है। यूक्रेन छात्रों को भारत से ही एग्जाम में बैठने की अनुमति देगा। यह जानकारी भारत दौरे पर आईं यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमीन झापरोवा ने दी।
विदेश मंत्रालय ने बुधवार को झापरोवा के भारत दौरे के समापन पर कहा कि भारतीय मेडिकल छात्रों के मुद्दे पर उप विदेश मंत्री ने बताया कि यूक्रेन विदेशी मेडिकल छात्रों को उनके देश में एकीकृत राज्य योग्यता परीक्षा देने की अनुमति देगा।
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2 हजार भारतीय छात्र वापस यूक्रेन लौटे
बता दें कि पिछले साल फरवरी में जब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया तब लगभग 19 हजार भारतीय छात्र यूक्रेन में पढ़ रहे थे। अनुमान के मुताबिक, लगभग 2 हजार भारतीय छात्र यूक्रेन वापस चले गए हैं और वे देश के पश्चिमी भाग में रह रहे हैं।
यूक्रेन के अधिकारियों द्वारा की गई पहल के अनुसार जो छात्र अभी भी भारत में हैं, वे ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं और उनके पास भारत में होने वाली परीक्षा में शामिल होने का विकल्प है।
भारत के साथ मजबूत संबंध चाहता है यूक्रेन
अपनी भारत यात्रा के दौरान यूक्रेन की उप विदेश मंत्री ने विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी से मुलाकात की। विदेश मंत्रालय ने कहा, जापरोवा ने अपनी यात्रा के दौरान भारत के साथ मजबूत और घनिष्ठ संबंध बनाने की बात की। झापरोवा की भारत यात्रा से दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
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चिकित्सा आयोग ने पेश किया नया कार्यक्रम
इससे पहले, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग यूक्रेन द्वारा पेश किए गए अकादमिक कार्यक्रम को मान्यता देने पर सहमत हो गया है ताकि ऐसे छात्रों को अपनी शिक्षा पूरी करने की अनुमति मिल सके क्योंकि डिग्री केवल मूल यूक्रेनी विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जाएगी। एनएमसी अधिनियम के अनुसार, विदेशी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को केवल एक विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी करने और डिग्री प्राप्त करनी होती है।