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Pitru Paksh 2024: पितृपक्ष में किसी भी रूप में आ सकते हैं पितर, घर आएं इन जीवों का भूल से भी न करें अनादर, वरना…

Pitru Paksh 2024: हिंदू संस्कृति की ‘अतिथि देवो भव’ परंपरा का पितृपक्ष में विस्तार न केवल मनुष्य बल्कि पशु-पक्षियों से लेकर प्रकृति तक हो जाता है। मान्यता है कि पितृपक्ष में पितर किसी भी रूप में आ सकते हैं। आइए जानते हैं कि शास्त्रों में पितृपक्ष में पितर के किन-किन रूपों में आने की चर्चा की गई है?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Sep 16, 2024 20:42
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Pitru Paksh 2024: हिंदू धर्म में पितृपक्ष परिवार और खानदान के पूर्वजों और पितरों की आत्मा की शांति का महाअनुष्ठान है, जो हर साल आश्विन महीने में कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा (प्रथम तिथि) से आश्विन मास की अमावस्या तिथि तक रखा जाता है। हालांकि इस पितृपक्ष के तर्पण और पिंडदान की शुरुआत भादो मास की पूर्णिमा तिथि से ही शुरू हो जाता है। इस साल 17 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत हो रही है, जो 2 अक्टूबर तक चलेगी।

किसी भी रूप में आ सकते हैं पितर

मान्यता कि श्राद्ध पक्ष में पितर धरती पर आते हैं। यह भी कहते हैं कि पितृपक्ष में पितरों का संबंध प्रकृति से भी होता है और वे पितृपक्ष में मनुष्य से लेकर पशु-पक्षी तक कई रूपों में घर के द्वार पर आ सकते हैं। बस हम उन्हें पहचान नहीं पाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, पितृपक्ष में पशु-पशियों के घर आने पर उन्हें खाना जरूर खिलाना चाहिए। ऐसा करने से घर में खुशहाली बनी रहती है। आर्थिक परेशानियां खत्म हो जाती हैं और घर में सदैव सुख-शांति का वास होता है। आइए जानते हैं कि पितृपक्ष में पितर किन-किन रूपों में आ सकते हैं?

मेहमान, गरीब और असहाय व्यक्ति

पितृ पक्ष के समय अगर घर में कोई मेहमान, गरीब और असहाय व्यक्ति आए तो उसका कभी अनादर न करना चाहिए और न उन्हें खाली हाथ जाने देना चाहिए, बल्कि उनका सत्कार कर उनके लिए भोजन की व्यवस्था करने चाहिए।

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गाय या कुत्ते का भी द्वार पर आना

श्राद्ध पक्ष में गाय या कुत्ते का भी द्वार पर आना बहुत शुभ माना जाता है। अगर ये रास्ते में भी दिख जाए तो इन्हें भगाना या दुत्कारना नहीं चाहिए। बल्कि, इनको कुछ न कुछ खाने को जरूर देना चाहिए।

घर में कौए का आना

हिंदू धर्म में पितृपक्ष में घर आए कौए को भगाने की मनाही है, बल्कि मान्यता है कि कौए को भोजन देने से पितर और पूर्वज प्रसन्न होते हैं। कहते हैं, श्राद्ध पक्ष के 15-16 दिन तक पितर कौए के द्वारा ही अन्न ग्रहण करते हैं। इससे न सिर्फ वे तृप्त होते हैं, बल्कि परिवार पर खुशहाल जीवन का आशीष बरसाते हैं।

बंदर को भी  दें भोजन

हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि पितृपक्ष में बंदर को खाना खिलाना भी काफी शुभ होता है। यदि ये आपके घर खुद-ब-खुद आ जाएं तो कहा जाता कि पितर आपसे प्रसन्न हैं। ऐसे घर में सुख-शांति बनी रहती है।

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चींटियों को भी दें आहार

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि पितृपक्ष घर में अगर चींटियां आएं, तो उन्हें चीनी मिश्रित आटा खिलाना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और आर्थिक परेशानियां दूर रहती हैं।

भूल से भी न करें अनादर

मान्यता है पितृपक्ष में घर आए मनुष्यों और इन खास जीवों का भूल से भी अनादर नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से अपशकुन होना तय है। कहते हैं, घर आए इन जीवों में पितरों के रूप होते हैं, जिनका अनादर करने से पितर नाराज हो आते हैं। इससे घर में क्लेश, बीमारी और आर्थिक तंगी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Written By

Shyam Nandan

First published on: Sep 16, 2024 05:18 PM

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